ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस पर निशाना, राज्यसभा में बेबाकी से किया किसान बिल का समर्थन

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भाजपा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण पिछला साल काफी चुनौतीपूर्ण रहा लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा समय से उठाए गए कदमों से स्थिति में काफी सुधार हुआ।

भाजपा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण पिछला साल काफी चुनौतीपूर्ण रहा लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा समय से उठाए गए कदमों से स्थिति में काफी सुधार हुआ। उन्होंने कहा कि महामारी से मुकाबला करने के लिए प्रधानमंत्री ने सभी प्रयासों को एक ही मुट्ठी में बांधा और युद्धस्तर पर नीति तैयार की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ न सिर्फ भारत में बल्कि साझा विश्व अभियान का भी नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि समय से उठाए गए कदमों के कारण भारत मामारी के दूसरे चरण से बच गया और लाखों जानें बच सकीं।

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महामारी पर काबू पाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की चर्चा करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि 60 दिनों के अंदर भारत ने महत्वपूर्ण कामयाबी हासिल की और पीपीई किट का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया तथा साल भर के अंदर देशी टीका तैयार कर लिया गया। भाजपा सदस्य ने कहा कि लॉकडाउन को लेकर विपक्षी नेता सिर्फ सवाल उठा रहे हैं और टीका-टिप्प्णी कर रहे हैं जबकि सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा नीत एक संसदीय समिति ने कोविड-19 केप्रबंधन को लेकर सरकार की सराहना की तथा कहा है कि लॉकडाउन से सरकार को तैयारियां करने का मौका मिला।

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सिंधिया ने सरकार के कदमों की सराहना करते हुए कहा कि मात्र छह माह की अवधि में अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर ला दिया गया और जनवरी में हुआ जीएसटी संग्रह इसका उदाहरण है। चर्चा में भाग लेते हुए मनोनीत सदस्य स्वप्न दासगुप्ता ने कहा कि देश में हुयी हरित क्रांति का लाभ पंजाब को विशेष रूप से मिला और वहां इससे किसानों में खुशहाली आयी। लेकिन पश्चिम बंगाल सहित पूर्वी भारत का एक बड़ा हिस्सा उस क्रांति के लाभों से दूर रहा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के अधिकतर किसान और लोग सीमांत हैं तथा सिर्फ खेती के सहारे उनकी आजीविका नहीं चल सकती।

उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की चर्चा करते हुए कहा कि सिर्फ नौ से दस प्रतिशत किसानों को ही इसका लाभ मिल सकता है। दासगुप्ता ने कहा कि नए कानूनों से ऐसे किसानों को लाभ मिल सकेगा जो लाभ से वंचित रह गए हैं। नए कानूनों से न सिर्फ फसलों का मूल्यवर्धन हो सकेगा बल्कि जरूरी आधारभूत ढांचे में भी सुधार होगा और भंडारण जैसी सुविधाएं बढ़ सकेंगी। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए हर क्षेत्र का विकास जरूरी है और इसके लिए पूर्वी क्षेत्र पर भी ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड सहित पूरे पूर्वी क्षेत्र को विशेष ‘जोन’ बनाए जाने का सुझाव दिया। तेदेपा सदस्य के रवींद्र कुमार ने आंध्र प्रदेश में तीन राजधानी के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह पैसे की बर्बादी होगी।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की राजधानी अमरावती को स्थानांतरित किया जा रहा है और अमरावती परियोजना को रोक दिया गया है जिसका किसान विरोध कर रहे हैं। कुमार ने दावा किया कि राज्य के लिए अहम पोलावरम परियोजना को भी रोक दिया गया है। उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया कि वह इस मुद्दे में हस्तक्षेप करे ताकि परियोजना का कार्यान्वयन जल्दी हो सके। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो गयी है वहीं लोकतांत्रिक संस्थानों को निशाना बनाया जा रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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