मध्य प्रदेश के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने के परीक्षण का दूसरा चरण समाप्त

Union Carbide
ANI

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, इस कचरे के निपटान का परीक्षण सुरक्षा मानदंडों का सख्ती से पालन करते हुए तीन चरणों में किया जाना है और 27 मार्च को उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की जानी है।

मध्य प्रदेश में यूनियन कार्बाइड के अपशिष्ट को धार जिले के निपटान संयंत्र में जलाने के परीक्षण का दूसरा चरण शनिवार रात को समाप्त हो गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी श्रीनिवास द्विवेदी ने बताया कि परीक्षण का दूसरा चरण छह मार्च को पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुआ और आठ मार्च (शनिवार) को शाम सात बजकर एक मिनट पर समाप्त हुआ।

उन्होंने बताया कि इंटरनेट सेवा बाधित होने के कारण अपशिष्ट को जलाने की प्रक्रिया में करीब 20 मिनट की देरी हुई। उन्होंने बताया कि निपटान इकाई में कुल 10 टन कार्बाइड कचरे को जलाया गया।

अधिकारी ने बताया कि उत्सर्जन संबंधी सभी स्तर स्वीकार्य सीमा के भीतर थे। उन्होंने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित अन्य उपकरणों से वायु गुणवत्ता के आंकड़े भी एकत्र किए जा रहे हैं।

भोपाल में 1984 में दो और तीन दिसंबर की दरमियानी रात यूनियन कार्बाइड कारखाने से अत्यधिक जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस का रिसाव हुआ था। इससे कम से कम 5,479 लोग मारे गए थे और हजारों लोग अपंग हो गए थे। इसे दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है।

भोपाल में बंद पड़े यूनियन कार्बाइड कारखाने के 337 टन कचरे के निपटान की योजना के तहत इसे सूबे की राजधानी से करीब 250 किलोमीटर दूर पीथमपुर में एक औद्योगिक अपशिष्ट निपटान संयंत्र में दो जनवरी को पहुंचाया गया था।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, इस कचरे के निपटान का परीक्षण सुरक्षा मानदंडों का सख्ती से पालन करते हुए तीन चरणों में किया जाना है और 27 मार्च को उच्च न्यायालय के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की जानी है। अपशिष्ट को जलाने के परीक्षण का पहला चरण तीन मार्च को संपन्न हुआ।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


All the updates here:

अन्य न्यूज़