सुरक्षाबलों की उपलब्धता की स्थिति के चलते बंगाल में 7 चरणों में होंगे चुनाव

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[email protected] । Mar 11 2019 8:25AM

पश्चिम बंगाल की विपक्षी पार्टियों का दावा है कि तृणमूल कांग्रेस शासनकाल में कानून-व्यवस्था की बदहाल स्थिति के कारण सात चरणों में चुनाव कराने का फैसला किया गया है।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी आरिज आफताब ने रविवार को कहा कि राज्य में सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराने के फैसले के पीछे सबसे प्रमुख वजह सुरक्षाबलों की उपलब्धता की स्थिति रही। इसके अलावा, आफताब ने कहा कि कई ‘अन्य मुद्दे’ भी थे। राज्य की विपक्षी पार्टियों का दावा है कि तृणमूल कांग्रेस शासनकाल में कानून-व्यवस्था की बदहाल स्थिति के कारण सात चरणों में चुनाव कराने का फैसला किया गया है। हालांकि, सत्ताधारी तृणमूल ने आरोप लगाया कि केंद्र ने राज्य की स्थिति के बारे में चुनाव आयोग को गुमराह किया है।

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पश्चिम बंगाल में 11 अप्रैल को दो, 18 अप्रैल को तीन, 23 अप्रैल को पांच, 29 अप्रैल को आठ, छह मई को सात, 12मई को आठ और 19 मई को नौ सीटों पर मतदान कराए जाएंगे। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने 12 मार्च को अपनी चुनाव समिति की बैठक बुलाई है ताकि आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर राज्य के अपने उम्मीदवारों की सूची पर फैसला कर सके। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘हमने 12 मार्च को पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के आवास पर चुनाव समिति की एक बैठक बुलाई है। हम पार्टी के उम्मीदवारों की सूची और घोषणा-पत्र पर फैसला करेंगे।’ राज्य की कुल 42 लोकसभा सीटों में से 32 पर अभी तृणमूल काबिज है। आगामी चुनावों में पार्टी ने सभी 42 लोकसभा सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है।

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