असम 2023-2024 में सेना हमलों का मास्टरमाइंड, ULFA-I के वरिष्ठ नेता अरुणोदय दाहोतिया ने किया आत्मसमर्पण

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अभिनय आकाश । Nov 24 2025 5:27PM

अरुणोदय दोहोतिया के नाम से भी जाना जाता है। उसने अपने अंगरक्षक के साथ आत्मसमर्पण कर दिया, हालाँकि अधिकारियों ने अभी तक यह खुलासा नहीं किया है कि आत्मसमर्पण कहाँ और कैसे हुआ। सरमा ने कहा कि उग्रवादी को तिनसुकिया में रखा जाएगा, और उसे केवल "डीजी से मिलने" के लिए थोड़े समय के लिए गुवाहाटी ले जाया जा सकता है।

आत्मसमर्पण करने वाले उल्फा(आई) कमांडर अरुणोदय असोम असम में ही रहेंगे, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 23 नवंबर को इसकी पुष्टि की, जिससे इस हाई-प्रोफाइल उग्रवादी के मामले को नियंत्रित और राज्य के नेतृत्व में निपटाने का संकेत मिला। असोम, जिसे अरुणोदय दोहोतिया के नाम से भी जाना जाता है। उसने अपने अंगरक्षक के साथ आत्मसमर्पण कर दिया, हालाँकि अधिकारियों ने अभी तक यह खुलासा नहीं किया है कि आत्मसमर्पण कहाँ और कैसे हुआ। सरमा ने कहा कि उग्रवादी को तिनसुकिया में रखा जाएगा, और उसे केवल "डीजी से मिलने" के लिए थोड़े समय के लिए गुवाहाटी ले जाया जा सकता है।

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असम के बोर्डर पर सुरक्षा बलों को महत्वपूर्ण सफलता मिली ही है। उत्पा-आई के टॉप कमांडर और 2023-2024 में असम में हुए सेना हमलों का कथित मास्टरमाइंड अरुणोदय दोटिया ने पांग्साऊ पास न में असम राइफल्स के सामने तड़के । समर्पण कर दिया। उसके साथ उसका 'बॉडीगार्ड प्रॉमिस ने भी हथियार डाल दिए। दोनों को असम पुलिस सुरक्षा बर में दिब्रूगढ़ ले आई। दोटिया उल्पा आई चौपा परेश बरुआ का करीबी माना जाता था और संगठन की सैन्य गतिविधियों तथा संदेशों को संभालता भवसरेंडर के वक्त 2 फिटल, 4 मैगजीन, 52 राउंड कारतूस, सैटेलाइट फोन और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए। असम सीएम हिमंता बिस्वा सामा ने कहा कि दोटिया को तीनसुकिया में ही रखा जाएगा।

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इस घटनाक्रम ने उल्फा (आई) के साथ व्यापक शांति प्रक्रिया को लेकर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। सरमा ने स्पष्ट किया कि जब तक समूह के कमांडर-इन-चीफ परेश बरुआ बातचीत की मेज पर नहीं आते, तब तक बातचीत आगे नहीं बढ़ सकती। उन्होंने कहा, "बातचीत केवल परेश बरुआ के साथ ही हो सकती है। किसी और से बात करने का कोई मतलब नहीं है। दोहोतिया, जिसे संगठन का एक वरिष्ठ नेता माना जाता है, उन लोगों में शामिल है जिन पर एनआईए ने 2018 में उल्फा (आई) के खिलाफ एक अभियान के दौरान असम पुलिस अधिकारी भास्कर कलिता की हत्या का आरोप लगाया है। अधिकारियों ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है कि क्या उसके आत्मसमर्पण से लंबित जाँच प्रभावित हो सकती है। 

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