मोदी सरकार प्रभावी होती तो नहीं लगते CBI में रिश्वतखोरी के आरोप: पवार

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[email protected] । Oct 23 2018 5:58PM

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार ‘प्रभावी’ होती तो सीबीआई में शीर्ष स्तर पर रिश्वतखोरी के आरोप नहीं लगते।

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार ‘प्रभावी’ होती तो सीबीआई में शीर्ष स्तर पर रिश्वतखोरी के आरोप नहीं लगते। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में कार्रवाई करने को कहा। पवार ने राफेल विमान सौदे को लेकर भी भाजपा नीत केंद्र सरकार पर प्रहार किया और मामले की जांच संसद की संयुक्त संसदीय समिति से कराने की मांग की।

पवार ने समाचार चैनल ‘आजतक’ की ओर से आयोजित ‘मुंबई मंथन’ कार्यक्रम में सवालों के जवाब में यह बात कही। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा और एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच खींचतान चल रही है। अस्थाना की अगुवाई वाले विशेष जांच दल के पुलिस उपाधीक्षक की गिरफ्तारी से यह खींचतान और गहरा गई है।

मोदी सरकार के प्रदर्शन के बारे में पूछने पर पवार ने कहा कि मौजूदा सरकार से लोगों को जो उम्मीदें थी वो पूरी नहीं हुईं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘2014 में जो वायदे किए गए थे, वे चार के साल के बाद जमीन पर नजर नहीं आते हैं। (पूर्व प्रधानमंत्री) मनमोहन सिंह ने सुशासन के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की और इरादे सर्वश्रेष्ठ थे। वह स्थिति आज नहीं है।’

उन्होंने कहा कि अगर मौजूदा सरकार प्रभावी होती तो सीबीआई में उच्च्तम स्तर पर रिश्वतखोरी के आरोप नहीं लगते। फिर भी प्रधानमंत्री चुप हैं। उन्हें कार्रवाई करनी चाहिए। पवार ने कहा कि मोदी भाजपा के लिए एक मजबूत नेता हैं लेकिन देश के लिए मजबूत नेता नहीं हैं। राकांपा अध्यक्ष ने कहा, ‘उनकी मंत्रिमंडलीय टीम में काम को अंजाम देने की क्षमता नहीं है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) बहुत शक्तिशाली है। सभी फैसले वहीं लिए जा रहे हैं और मंत्रियों को फाइलें सिर्फ हस्ताक्षर करने के लिए भेजी जा रही हैं। मौजूदा सरकार सिर्फ ‘मन की बात’ करती है लेकिन ‘जन की बात’ नहीं सुनती है।’

राफेल सौदे पर पवार ने कहा कि केंद्र को यह स्पष्ट करना चाहिए कि एक विमान की कीमत 570 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,600 रुपये क्यों हो गई। उन्होंने कहा, ‘शक की गुंजाइश है। इसलिए संयुक्त संसदीय समिति से जांच होनी चाहिए। अगर भाजपा बोफोर्स (मामले में) जेपीसी जांच के लिए संसद को तीन हफ्ते तक बाधित रख सकती है तो अब सत्तासीन भाजपा जीपेसी का विरोध क्यों कर रही है।’ 

उनसे पूछा गया कि उन्हें लगता है कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है जैसा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है, तो पवार ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि विमान अच्छा है। राहुल गांधी के पास भ्रष्टाचार के बारे में मेरे से ज्यादा जानकारी हो सकती है। 

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