नोटबंदी के मुद्दे पर शिवसेना ने तेज किए हमले

[email protected] । Nov 22 2016 4:41PM

शिवसेना ने आज कहा कि इससे ‘‘वास्तविक’’ काला धन तो बाहर नहीं आया बल्कि सरकार भूख, महंगाई और बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने में कामयाब जरूर हो गई।

मुंबई। केंद्र के नोटबंदी के कदम पर हमलावर होते हुए शिवसेना ने आज कहा कि इससे ‘‘वास्तविक’’ काला धन तो बाहर नहीं आया बल्कि सरकार भूख, महंगाई और बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने में कामयाब जरूर हो गई। शिवसेना ने देश में ‘‘वित्तीय आपातकाल’’ की टिप्पणी करने वाले राकांपा प्रमुख शरद पवार पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्हें यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में (हाल ही में वे पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान उनसे मिले थे) करनी चाहिए थी।

शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया, ‘‘नोटबंदी के फैसले के कारण सरकार लोगों का ध्यान भूख, मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और आतंकवाद जैसे मुद्दों से भटकाने में कामयाब रही है। सरकार बड़ी ही सफलतापूर्वक लोगों के ध्यान से महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दे भुला रही है।’’ राजग के गठबंधन सहयोगी ने कहा, ‘‘पैसे बदलने के लिए कोई भी बड़ी मछली कतार में खड़ी नहीं देखी गई। इसका मतलब यह है कि वास्तविक काला धन अभी तक बाहर आया ही नहीं और मोदी के दोस्तों (उनके फैसले के समर्थक) को यह स्वीकार करना ही होगा।’’

इसमें कहा गया है कि दूसरों के खातों में पैसा जमा करने वालों को सात साल के लिए जेल में डालने के बजाए सरकार को उन्हें उम्रकैद देनी चाहिए। शिवसेना ने कहा कि वर्तमान स्थिति के लिए पवार भी उतने ही जिम्मेदार हैं क्योंकि मोदी ने सार्वजनिक तौर पर यह कहा है कि उन्होंने राजनीति का पाठ उन्हीं से सीखा है। गत 13 नवंबर को मोदी ने राजनीति में 50 साल की नाबाद पारी पूरी करने के लिए पवार की प्रशंसा की थी।

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