शिवसेना सांसद के वकील ने कहा, राउत को पात्रा चॉल घोटाले से जोड़ने का कोई सबूत नहीं

Sanjay Raut
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ANI

शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत के वकील ने मंगलवार को एक विशेष अदालत से कहा कि मुंबई उपनगर में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से सांसद (राउत) को जोड़ने के लिए रिकार्ड में कोई साक्ष्य नहीं है।

शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत के वकील ने मंगलवार को एक विशेष अदालत से कहा कि मुंबई उपनगर में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से सांसद (राउत) को जोड़ने के लिए रिकार्ड में कोई साक्ष्य नहीं है। विशेष धन शोधन रोधी अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने राउत के वकील अशोक मुंदारगी की दलीलें सुनीं। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दलील पेश करने के लिए समय मांगे जाने पर राउत की जमानत अर्जी पर सुनवाई 10 अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी।

राउत को पात्रा चॉल के पुनर्विकास से जुड़े धन शोधन के मामले में अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। ईडी की जांच पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं और राउत की पत्नी तथा कथित सहयोगियों की संलिप्तता से हुई वित्तीय संपत्ति के लेनदेन से संबद्ध है। उत्तरी मुंबई के गोरेगांव में स्थित सिद्धार्थ नगर को पात्रा चॉल के नाम से जाना जाता है। 47 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में स्थित इस इलाके में करीब 672 घर हैं।

महाराष्ट्र गृह निर्माण व क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) ने 2008 में चॉल का पुनर्विकास करने की परियोजना गुरु आशीष कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) को सौंपी थी, जो हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की एक सहायक कंपनी है। जीएसीपीएल को वहां लोगों के लिए 672 फ्लैट का निर्माण करना था और म्हाडा के लिए फ्लैट तैयार करना था तथा शेष भूमि को जीएसीपीएल के अपने विकास कार्यों के लिए निजी डेवलपर को बेचना था। अभियोजन के मुताबिक, कंपनी ने ना तो पात्रा चॉल को पुनर्विकसित किया और ना ही फ्लैट का निर्माण किया, जिन्हें म्हाडा को सौंपा जाना था। इसके बजाय भूखंड अन्य भवन निर्माताओं (बिल्डर) को 1034 करोड़ रुपये में बेच दिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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