वक्फ विधेयक के खिलाफ मतदान नहीं करना चाहते थे शिवसेना (उबाठा) के सांसद: निरुपम

Sanjay Nirupam
ANI

शिवसेना (उबाठा) के दो सांसदों- अरविंद सावंत (मुंबई दक्षिण) और अनिल देसाई (मुंबई दक्षिण मध्य) को छोड़कर पार्टी के अन्य सभी लोकसभा सदस्यों को फोन किया गया। लोकसभा में शिवसेना (उबाठा) के नौ सांसद हैं।

शिवसेना के नेता संजय निरुपम ने शुक्रवार को दावा किया कि प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (उबाठा) के सांसद लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ मतदान नहीं करना चाहते थे, लेकिन पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के फोन आने के बाद उन्होंने हार मान ली और विधेयक का विरोध किया। उन्होंने ठाकरे पर निशाना साधते हुए उन्हें मुस्लिम हृदय सम्राट करार दिया।

निरुपम ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विवादास्पद विधेयक पर शिवसेना (उबाठा) का रुख महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री, भाजपा के पूर्व सहयोगी ठाकरे के बौद्धिक दिवालियापन को दर्शाता है।

निरुपम ने दावा करते हुए कहा, “उद्धव ठाकरे ने लोकसभा में अपने सांसदों को पांच बार फोन करके वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ मतदान करने का निर्देश दिया। उन्हें (शिवसेना उबाठा सदस्यों को) पार्टी द्वारा जारी व्हिप के कारण विधेयक के खिलाफ मतदान करना पड़ा।”

उन्होंने बताया कि शिवसेना (उबाठा) के दो सांसदों- अरविंद सावंत (मुंबई दक्षिण) और अनिल देसाई (मुंबई दक्षिण मध्य) को छोड़कर पार्टी के अन्य सभी लोकसभा सदस्यों को फोन किया गया। लोकसभा में शिवसेना (उबाठा) के नौ सांसद हैं।

अविभाजित शिवसेना और कांग्रेस में रह चुके निरुपम ने कहा कि विधेयक का विरोध करने के लिए ठाकरे पर मुस्लिम संगठनों का भारी दबाव था। उन्होंने कहा, ‘‘बालासाहेब ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट के रूप में जाना जाता है, लेकिन उद्धव ठाकरे अब मुस्लिम हृदय सम्राट के रूप में जाने जाते हैं।

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