‘केसरिया सुनामी’ के बीच भी जीत गये शिवपाल यादव
‘समाजवादी कुनबे’ में मची उठापटक के बाद किनारे किये गये वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की सुनामी के बीच प्रभावशाली जीत हासिल की।
जसवन्तनगर। ‘समाजवादी कुनबे’ में मची उठापटक के बाद किनारे किये गये वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की सुनामी के बीच प्रभावशाली जीत हासिल की। सपा के 61 वर्षीय वरिष्ठ नेता शिवपाल ने जसवन्तनगर सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी मनीष यादव पत्रे को 52 हजार 616 मतों के भारी अंतर से पराजित किया। हालांकि वह वर्ष 2012 में अपनी जीत के अंतर 81 हजार 84 वोटों के पास नहीं पहुंच सके।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव जसवन्तनगर सीट पर आठ बार विधायक रहे। उसके बाद उन्होंने यह सीट शिवपाल के लिये छोड़ दी। शिवपाल वर्ष 1996 से अब तक लगातार इस सीट से विधायक चुने जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव में सपा की करारी पराजय पर शिवपाल ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह ना तो सपा और ना ही समाजवाद की पराजय है, बल्कि यह ‘अहंकार’ की शिकस्त है। सरकार में बेहद प्रभावशाली मंत्री रहे शिवपाल को मुख्यमंत्री अखिलेश ने पिछले साल अपने मंत्रिमण्डल से निकाल दिया था लेकिन वह अपने बड़े भाई सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के साथ मजबूती से खड़े रहे। मुलायम ने उनके समर्थन में जसवन्तनगर में दो सभाओं को सम्बोधित भी किया था।
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