Shubham Dwivedi के परिवार का दर्द, भारत-पाक मैच शहीदों का अपमान, BCCI पर उठाए सवाल

Shubham Dwivedi family pain on Indo Pak match
ANI
एकता । Sep 14 2025 3:54PM

पहलगाम आतंकी हमले में शहीद शुभम द्विवेदी के परिवार ने भारत-पाकिस्तान एशिया कप मैच की कड़ी निंदा की है, इसे शहीदों का अपमान बताया। पीड़ित परिवार ने बीसीसीआई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब आतंकवाद के कारण पाकिस्तान से सभी रिश्ते खत्म हैं, तो क्रिकेट मैच क्यों आयोजित किया जा रहा है, जो केवल पैसे के लिए है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले एशिया कप मैच को लेकर देश में एक बार फिर बहस छिड़ गई है। इस हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी के परिवार ने इस मैच की कड़ी निंदा की है और लोगों से इसे न देखने की अपील की है। उनके परिवार का मानना है कि ऐसे समय में पाकिस्तान के साथ खेलना शहीदों का अपमान है।

पीड़ित परिवार का छलका दर्द

शुभम द्विवेदी के पिता, संजय द्विवेदी, ने इस मैच के आयोजन के लिए बीसीसीआई (BCCI) पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि बीसीसीआई 22 अप्रैल के नरसंहार को भूल गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब आतंकवाद के कारण पाकिस्तान से सभी तरह के रिश्ते खत्म हो चुके हैं, तो क्रिकेट क्यों खेला जा रहा है?'

संजय द्विवेदी ने कहा कि जो लोग अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में हिस्सा लेना अनिवार्य बताते हैं, उन्हें 1980 और 1984 के ओलंपिक बहिष्कार को याद करना चाहिए। उन्होंने पूछा कि क्या हमारा देश एक छोटे से टूर्नामेंट का बहिष्कार नहीं कर सकता? उनके अनुसार, यह मैच केवल पैसे के लिए आयोजित किया जा रहा है।

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पत्नी की अपील, पाकिस्तान का बहिष्कार करें

शुभम द्विवेदी की पत्नी, ऐशान्या द्विवेदी, ने भी अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस मैच से मिलने वाले पैसों से पाकिस्तान को फिर से मजबूत होने का मौका मिलेगा और वह 'ऑपरेशन सिंदूर' में तबाह हुए अपने ठिकानों का पुनर्निर्माण कर लेगा। उन्होंने इसे 26 परिवारों पर पाकिस्तान का सबसे बड़ा तमाचा बताया।

ऐशान्या ने कहा कि यह हमारे लोगों के बस में नहीं है कि वे पाकिस्तान का बहिष्कार करें, क्योंकि अगर ऐसा होता तो बीसीसीआई मैच के लिए राजी नहीं होता। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई और भारतीय क्रिकेटर इस समय देश के बारे में नहीं सोच पा रहे हैं। उन्होंने यह कहते हुए निराशा व्यक्त की कि उन्हें अब इन लोगों से शहीदों को श्रद्धांजलि देने की भी उम्मीद नहीं है।

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