'नेहरू की तुष्टीकरण की नीति से दुखी थे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी', जेपी नड्डा बोले- इसीलिए हुई जनसंघ की स्थापना

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भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बताया कि भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ता देश और दुनिया में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्म जयंती मना रहे हैं। 33 वर्ष की आयु में वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बन गए थे... नेहरू की तुष्टीकरण की नीति से वे दुखी थे, चिंतित थे इसलिए उन्होंने जनसंघ की स्थापना की।

नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही उन्होंने इस मौके पर पंडित दीन दयाल पार्क में वृक्षारोपण किया। उन्होंने बताया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू की तुष्टीकरण की नीति से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुखी और चिंतित थे।

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इस वजह से हुई थी जनसंघ की स्थापना

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जेपी नड्डा ने बताया कि भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ता देश और दुनिया में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्म जयंती मना रहे हैं। 33 वर्ष की आयु में वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बन गए थे... नेहरू की तुष्टीकरण की नीति से वे दुखी थे, चिंतित थे इसलिए उन्होंने जनसंघ की स्थापना की।

इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर मैं प्रदेश शासन की तरफ से भारत माता के इस सपूत को उनकी सेवाओं के लिए कोटि कोटि नमन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। वे महान शिक्षाविद, स्वतंत्रता सेनानी, वरिष्ठ समाजसेवी थे।

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उन्होंने कहा कि कश्मीर अगर आज भारत का हिस्सा है तो उसके पीछे श्यामा प्रसाद मुखर्जी का संघर्ष और बलिदान है। उन्होंने आज़ाद भारत में नारा दिया कि एक देश में 2 प्रधान, 2 विधान और 2 निशान नहीं चलेंगे। उस सपने को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरा करने में मदद मिली है।

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