सिख दंगा मामला: अमरिंदर ने सज्जन कुमार को दोषी ठहराए जाने की सराहना की
अमरिंदर ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बीच हजारों निर्दोष सिखों पर हुई हिंसा के उन काले दिनों के बाद से उनके द्वारा अपनाए गए रुख को इस दोषसिद्धि ने सही ठहराया है।
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को साल 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार को दोषी ठहराए जाने की प्रशंसा की। अमरिंदर ने इसे आजाद भारत की सबसे भयंकर सांप्रदायिक हिंसा में से एक के पीड़ितों को ‘‘अंतत: न्याय मिलने का मामला’’ बताया। अमरिंदर ने एक बयान में कहा कि कुमार को निचली अदालत द्वारा बरी करने के फैसले को पलटने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत की न्यायपालिका राष्ट्र की लोकतांत्रिक प्रणाली के स्तंभ के रूप में निरंतर खड़ी है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कुमार को 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।
Punjab CMO: CM, however, reiterated his stand that neither the Congress party nor the Gandhi family had any role to play in the rioting & lashed out at the Badals for continuing to drag their names into the case at the behest of their political masters - BJP. https://t.co/dikm3vDGIX
— ANI (@ANI) December 17, 2018
अमरिंदर ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बीच हजारों निर्दोष सिखों पर हुई हिंसा के उन काले दिनों के बाद से उनके द्वारा अपनाए गए रुख को इस दोषसिद्धि ने सही ठहराया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दंगों के दौरान दिल्ली के शरणार्थी शिविरों के पीड़ितों से व्यक्तिगत रूप से मिली सूचनाओं के आधार पर पिछले 34 साल से कुमार तथा धर्म दास शास्त्री, एच के एल भगत और अर्जुन दास सहित कुछ अन्य कांग्रेसी नेताओं का नाम लेते रहे हैं। दंगों के मामले में फंसे कुमार एकमात्र जीवित कांग्रेसी नेता हैं जबकि अन्य का निधन हो चुका है। अमरिंदर (76) ने कहा कि शरणार्थी शिविरों के पीड़ितों से उनकी बातचीत में कई बार कुमार का नाम सामने आया था।
यह भी पढ़ें: 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्र कैद
पंजाब के मुख्यमंत्री ने पिछले महीने 1984 दंगा मामले में पहली बार मौत की सजा सुनाए जाने का भी स्वागत किया था। बीते वर्षों में अमरिंदर दंगों को उकसाने में संलिप्त कुछ कांग्रेसी नेताओं को कड़ी सजा की वकालत करते रहे हैं। उनका कहना है कि कुमार सहित अन्य नेताओं को पार्टी से कोई आधिकारिक मंजूरी नहीं थी और वह घिनौने अपराध के लिए सजा पाने के हकदार हैं। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि न तो कांग्रेस पार्टी और ना ही गांधी परिवार की दंगों में कोई भूमिका है। उन्होंने अपने ‘‘राजनीतिक मास्टरों’’ भाजपा के इशारे पर इस मामले में उनके नाम लेने के लिए बादल पिता पुत्र को आड़े हाथ लिया। अमरिंदर ने कहा कि हिंसा में कांग्रेस की कोई साजिश नहीं थी और शरणार्थी शिविरों के उनके दौरों के समय गांधी परिवार के किसी सदस्य का नाम एक बार भी सामने नहीं आया।
अन्य न्यूज़