India-Pakistan जब तक वार्ता नहीं करेंगे तब तक कश्मीर में स्थिति में सुधार नहीं होगा: Abdullah

Farooq Abdullah
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अफसरशाही को इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि वे 60 साल की उम्र तक सेवानिवृत नहीं होते, जबकि एक विधायक को हर पांच साल में जनता के पास वापस जाना होता है, अगर वे काम नहीं करेंगे तो उन्हें वोट नहीं मिलेंगे।

श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि कश्मीर में जी-20 कार्यक्रम आयोजित करने से घाटी में पर्यटन को तब तक लाभ नहीं होगा जब तक भारत और पाकिस्तान केंद्र शासित प्रदेश के ‘‘भविष्य’’ को बातचीत के जरिए नहीं सुलझाते। उन्होंने कहा कि निर्वाचित सरकार नहीं होने के कारण जम्मू-कश्मीर को भारी नुकसान हो रहा है। अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, सवाल यह है कि क्या इन देशों से आने वाले पर्यटन के मामले में हमें फायदा होगा?

ऐसा तब तक नहीं हो सकता जब तक यहां के हालात नहीं सुधरते और हालात तब तक नहीं सुधरेंगे जब तक कि दोनों देश कश्मीर के भविष्य को लेकर बातचीत नहीं करते। जम्मू-कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार की कमी पर अब्दुल्ला ने कहा, लोकतांत्रिक व्यवस्था तब होती है जब एक निर्वाचित सरकार हो। केवल एक राज्यपाल और उनके सलाहकार पूरे राज्य को नहीं संभाल सकते। लोकतंत्र में एक विधायक होता है, जो अपने संबंधित क्षेत्रों की देखरेख करते हैं क्योंकि यह उनका कर्तव्य है।

अफसरशाही को इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि वे 60 साल की उम्र तक सेवानिवृत नहीं होते, जबकि एक विधायक को हर पांच साल में जनता के पास वापस जाना होता है, अगर वे काम नहीं करेंगे तो उन्हें वोट नहीं मिलेंगे। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि यहां चुनाव होने चाहिए। श्रीनगर से लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार है। ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे पर उन्होंने कहा कि यह दुनिया की बड़ी आपदाओं में से एक है और इस हादसे की विस्तृत जांच होनी चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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