सोनिया गांधी फिर चुनी गईं कांग्रेस संसदीय दल की नेता, बोलीं- निर्णायक कदमों पर हो रही चर्चा

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[email protected] । Jun 1 2019 1:11PM

संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता हमारे अग्रिम मोर्चे के सैनिक हैं। उन्होंने पिछले पांच वर्षों में नि:स्वार्थ भाव से काम किया।

नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव में करारी हार और इसके बाद राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश के बाद पैदा हुए राजनीतिक संकट की पृष्ठभूमि में पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस को फिर से मजबूत करने के लिए ‘कई निर्णायक कदमों’ पर चर्चा चल रही है। सोनिया को यहां पार्टी संसदीय दल की बैठक में नेता चुना गया। इससे पहले वह भी वह संसदीय दल की नेता की भूमिका निभा रही थीं। संसदीय दल की बैठक में उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ता हमारे अग्रिम मोर्चे के सैनिक हैं। उन्होंने पिछले पांच वर्षों में नि:स्वार्थ भाव से काम किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि जिस भारत के लिए हम लड़ रहे हैं, उससे जुड़ी भावना का विस्तार देश के कोने-कोने में हो।

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उन्होंने कहा, ‘मैं अपने कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करना चाहती हूं जिन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी की शत्रुता का सामना किया। यह उनकी मेहनत और धैर्य का परिणाम है कि देश के 12.3 करोड़ लोगों ने कांग्रेस में अपना विश्वास प्रकट किया।’ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की प्रमुख सोनिया ने कहा, ‘मैं इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का धन्यवाद करना चाहती हूं जिन्होंने पूरी मेहनत से प्रचार अभियान चलाया। कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने पार्टी के लिए दिन-रात एक कर दिया।’ चुनावी हार और राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश के बाद पैदा हुए हालात का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘संकट के इस समय में हमें यह स्वीकारना होगा कि कांग्रेस पार्टी के सामने कई चुनौतियां हैं। कांग्रेस कार्यसमिति की कुछ दिनों पहले बैठक हुई थी जिसमें आगे के कदमों और आगे बढ़ने के संदर्भ में चर्चा की गई। पार्टी को मजबूत करने के लिए कई निर्णायक कदमों पर चर्चा हो रही है।’

गौरतलब है कि 25 मई को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी, हालांकि सीडब्ल्यूसी ने उनकी पेशकश को खारिज किया और उन्हें संगठन में सभी स्तर पर आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया। संसद के दोनों सदनों में संख्याबल का हवाला देते हुए सोनिया ने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि राज्यसभा में हमारी संख्या को चुनौती दी जाएगी और ऐसे में यह ज्यादा महत्वपूर्ण है कि समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ समन्वय सुनिश्चित किया जाए। संसद में जो भी मुद्दे उठें, वे हमारे कार्यकर्ताओं और आम जनता के दिमाग में घर कर जाएं।

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उन्होंने कहा कि प्रभावी विपक्ष के लिए संसद के सभी सदस्यों की अंगुली जनता की नब्ज पर होनी चाहिए, संसद में एजेंडा तय करना वाहिए और मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिए निरंतरता सुनिश्चित होनी चाहिए। सोनिया ने कहा कि हम सजग रहेंगे। हमें सरकार को उसके वादों को लेकर जवाबदेह ठहराना होगा। मनगढ़ंत डाटा के जरिए प्रगति को आंका जा रहा है। प्रगति का आकलन सच्चाई के साथ होना चाहिए। हम सच्चाई और पारदर्शिता के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।

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