सपा ने लगाया उत्तर प्रदेश के साथ भेदभाव का आरोप

[email protected] । Aug 11 2016 1:00PM

राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने विभिन्न योजनाओं में उत्तर प्रदेश को केंद्र द्वारा पर्याप्त राशि जारी नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हुई।

राज्यसभा में आज समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने विभिन्न योजनाओं में उत्तर प्रदेश को केंद्र द्वारा पर्याप्त राशि जारी नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया जिससे सदन की कार्यवाही भोजनावकाश से पहले लगातार बाधित रही और तीन बार के स्थगन के बाद बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सुबह बैठक शुरू होते ही सपा सदस्यों ने केंद्र पर उत्तर प्रदेश के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य को पर्याप्त राशि नहीं दी जा रही है।

सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और मंत्रियों ने कई बार पत्र लिखे हैं कि राज्य को केंद्र द्वारा उसका अंश दिया जाए। लेकिन केंद्र राज्य को राशि नहीं दे रहा और उसके साथ भेदभाव किया जा रहा है। यादव ने इस क्रम में सर्वशिक्षा अभियान, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति, बाढ़ प्रबंधन, उच्चतर शिक्षा, सड़क परियोजना आदि का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस वजह से विभिन्न योजनाएं बीच में ही रूकी हैं या काम ही नहीं शुरू हो पाया है। सपा नेता ने कहा कि राशि देने के उलट केंद्र का कहना है कि वे राशि खर्च नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि सरकार आश्वासन दे कि वह दो तीन दिनों में प्रदेश को राशि दे देगी। अन्यथा सदन नहीं चल पाएगा। इस दौरान सपा के सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे।

जदयू नेता शरद यादव ने कहा कि बिहार के साथ भी ऐसा ही मामला है। जदयू के ही अली अनवर अंसारी ने हंगामे के बीच कहा कि बिहार के कुल 38 में से 14 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं और 33 लाख लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि 2300 गांव पानी में डूब गए हैं और पांच लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल में फसलें डूब गयी हैं। अंसारी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बिहार में जानबूझकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू नहीं कर रही है।

हंगामे के दौरान ही कांग्रेस सदस्य प्रमोद तिवारी ने तमिलनाडु में रेलगाड़ी की छत काटकर रिजर्व बैंक की राशि लूट लिए जाने का मामला उठाया। उन्होंने सवाल किया कि बगैर सुरक्षा के करोड़ों रूपए कैसे ले जाए जा रहे थे। उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि नियम 267 के तहत तीन नोटिस मिले हैं। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने और अपनी बात कहने की अपील की लेकिन उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ और उन्होंने 11 बजकर 20 मिनट पर बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

एक बार के स्थगन के बाद बैठक शुरू होने पर भी सदन में हंगामा जारी रहा और सपा तथा जदयू के सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करते रहे। हंगामे के दौरान ही कुरियन ने उन 15 सदस्यों के नाम लिए जिन्हें शून्य काल में लोक महत्व के अपने अपने मुद्दे उठाने थे और इसके लिए सभापति ने मंजूरी दी थी। कुरियन ने कहा कि वह उन सदस्यों से खेद जताते हैं जिन्हें शून्यकाल में अपने मुद्दे उठाने थे। उन्होंने एक बार फिर हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने की अपील की। लेकिन इसका कोई असर नहीं होते देख उन्होंने 11 बजकर 40 मिनट पर बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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