SC ने आम्रपाली के फ्लैट खरीदारों को किया आगाह, कहा- बंद हो सकती हैं परियोजनाएं
उच्चतम न्यायालय ने घर खरीदारों को बकाया राशि चुकाने के नोटिस के तौर तरीके को मंजूरी दे दी है। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त कोर्ट रिसीवर के अनुमोदन के बाद ऐसा किया जा सकता है।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आम्रपाली ग्रुप के फ्लैट खरीदारों को बकाया का भुगतान नहीं करने को लेकर आगाह किया है। शीर्ष न्यायालय ने बुधवार को कहा कि यदि वे बकाया का भुगतान नहीं करते हैं तो वित्तीय संकट की वजह से अटकी परियोजनाओं को बंद करना पड़ सकता है। रीयल एस्टेट कंपनी आम्रपाली अब ‘बंद’ है। उच्चतम न्यायालय ने घर खरीदारों को बकाया राशि चुकाने के नोटिस के तौर तरीके को मंजूरी दे दी है। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त कोर्ट रिसीवर के अनुमोदन के बाद ऐसा किया जा सकता है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने कहा कि आम्रपाली समूह से काफी कम कीमत पर फ्लैट खरीदने वाले ‘छद्म खरीदारों’ को इसमें प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी और वे बकाया का भुगतान नहीं कर सकेंगे। उनके फ्लैटों का पंजीकरण रद्द किया जाएगा।
पीठ ने कहा कि यदि घर खरीदार बकाया राशि चुकाने को तैयार नहीं होते हैं तो हमें परियोजनाओं को एक साथ जोड़ना होगा। फ्लैट खरीदारों की वकील शोभा ने कहा कि उनकी परियेाजना आम्रपाली लेजर पार्क सी श्रेणी में आती है। बिल्डर-खरीदार करार के तहत भुगतान योजना निर्माण से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि अभी तक जमीन पर कुछ नहीं हुआ है। ऐसे में यदि मुझे भुगतान करने को कहा जाता है तो यह उचित नहीं होगा। पीठ ने इस पर कहा कि यदि आप पैसा नहीं देना चाहते हैं तो घर जा सकते हैं। यदि आप चाहते हैं कि निर्माण हो तो घर खरीदारों को बकाया राशि देनी होगी। बकाया राशि जमा कराने के लिए तैयार रहें। न्यायालय ने कहा कि बकाया वाले घर खरीदारों का परियोजना आधारित नाम यूको बैंक, नोएडा और ग्रेटर नोएडा की वेबसाइट पर डाला जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमानी उसका अनुमोदन करेंगे।
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न्यायालय ने कहा कि अदालत के रिसीवर द्वारा घर खरीदारों का ब्योरा इन वेबसाइटों पर अनुमोदित करने के बाद उन्हें बकाया चुकाने के लिए नोटिस दिया जाएगा। फॉरेंसिक आडिटरों के अनुसार यह बकाया राशि 3,600 करोड़ रुपये के करीब है। पीठ ने निर्देश दिया है कि उच्चतम न्यायालय में यूको बैंक की शाखा में एक अलग खाता खोला जाए, जहां फ्लैट खरीदार बकाया राशि जमा करा सकें। न्यायालय ने छह बैंकों बैंक आफ बड़ौदा, यूनियन बैंक आफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, सिंडिकेट बैंक, बैंक आफ इंडिया और बैंक आफ महाराष्ट्र को नोटिस जारी कर कहा कि वे आवास ऋण और संपत्ति ऋण पर घर खरीदारों की शेष किस्तें जारी करें। शीर्ष अदालत ने दो फॉरेंसिक आडिटरों पवन अग्रवाल और रवि भाटिया को निर्देश दिया कि वे आम्रपाली ग्रुप की दो शेष परियोजनाओं हर्टबीट सिटी और ओ 2 वैली का आडिट 30 सितंबर तक पूरा करें। इन परियोजनाओं का पंजीकरण शीर्ष अदालत ने रेरा कानून के तहत रद्द कर दिया था।
Amrapali real estate case: Supreme Court today directed the National Buildings Construction Corporation Limited (NBCC) to ascertain and file a report as to what and how it can ensure selling of the unsold units of the projects to the tune of 2,000 (flats). pic.twitter.com/ZZK6MqHozw
— ANI (@ANI) September 11, 2019
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