SIR पर 11 नवंबर को बड़ा फैसला लेगा सुप्रीम कोर्ट, बिहार चुनाव पर पड़ेगा असर?

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अभिनय आकाश । Nov 8 2025 4:31PM

सुप्रीम कोर्ट पहले से ही बिहार में चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया की वैधता के खिलाफ याचिकाओं को सुन कर रहा है। 16 अक्टूबर को आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि याचिकाकर्ता राजनीतिक दल, एनजीओ झूठे आरोप लगाकर एसआईआर प्रक्रिया को बदनाम करने की कोशिश कर रहे है। अंतिम मतदाता सूची के बाद किसी भी वोटर ने नाम डिलीट के खिलाफ अपील नहीं की है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह 11 नवंबर को उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जिनमें चुनाव आयोग के पूरे देश में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) को चुनौती दी गई है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स की ओर से प्रशांत भूषण ने दलील दी कि मुद्ध लोकतंत्र की जड़ों से जुड़ा है। जल्दी इसलिए है क्योंकि SIR प्रैक्टिस पहले ही विभिन्न राज्यों में शुरू हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट पहले से ही बिहार में चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया की वैधता के खिलाफ याचिकाओं को सुन कर रहा है। 16 अक्टूबर को आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि याचिकाकर्ता राजनीतिक दल, एनजीओ झूठे आरोप लगाकर एसआईआर प्रक्रिया को बदनाम करने की कोशिश कर रहे है। अंतिम मतदाता सूची के बाद किसी भी वोटर ने नाम डिलीट के खिलाफ अपील नहीं की है।

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शीर्ष अदालत बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण करने के निर्वाचन आयोग के फैसले की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पहले से ही सुनवाई कर रही है। निर्वाचन आयोग ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की कवायद को ‘सटीक’ बताते हुए न्यायालय से 16 अक्टूबर को कहा था कि याचिकाकर्ता राजनीतिक दल और गैर सरकारी संगठन इस प्रक्रिया को केवल बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगाकर संतुष्ट हैं। आयोग ने न्यायालय से यह भी कहा था कि अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद से नाम हटाने के खिलाफ किसी मतदाता ने एक भी अपील दायर नहीं की है। उसने याचिकाकर्ताओं के इस आरोप का खंडन किया था कि महीनों तक चली एसआईआर प्रक्रिया के बाद तैयार की गई राज्य की अंतिम मतदाता सूची में ‘‘मुसलमानों को अनुपातहीन तरीके से बाहर’’ किया गया। निर्वाचन आयोग ने 30 सितंबर को बिहार की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करते हुए कहा था कि इसमें मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 47 लाख घटकर 7.42 करोड़ रह गई है जो निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण से पहले 7.89 करोड़ थी।

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अंतिम संख्या हालांकि एक अगस्त को जारी की गई मसौदा सूची में दर्ज 7.24 करोड़ मतदाताओं से 17.87 लाख अधिक है। मृत्यु, प्रवास और मतदाताओं के दोहराव सहित विभिन्न कारणों से 65 लाख मतदाताओं के नाम मूल सूची से हटा दिए गए थे। मसौदा सूची में 21.53 लाख नए मतदाता जोड़े गए जबकि 3.66 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए जिससे कुल मतदाताओं की संख्या में 17.87 लाख की वृद्धि हुई है। बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा की 121 सीट पर पहले चरण का चुनाव बृहस्पतिवार को हो गया, जबकि शेष 122 निर्वाचन क्षेत्रों में 11 नवंबर को मतदान होगा। मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी।

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