एसआईआर पर नजर रखी जाए, तमिलनाडु में ‘वोट चोरी’ की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए : मुख्यमंत्री स्टालिन

स्टालिन ने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि पहले से प्रकाशित सूची के आधार पर, बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर (4 नवंबर से) फॉर्म बांट रहे हैं। ये फॉर्म चार दिसंबर तक भरकर जमा करने होंगे।
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया की निगरानी की जानी चाहिए और तमिलनाडु में ‘वोट चोरी’ की स्थिति नहीं आने दी जानी चाहिए।
टीवीके प्रमुख विजय पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए स्टालिन ने कहा कि कुछ लोग द्रमुक को नष्ट करने का सपना देखते हैं, लेकिन कोई भी उसे छूने की हिम्मत नहीं कर सकता।
द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन ने एक समारोह को संबोधित करते हुए तमिलनाडु में एसआईआर अभियान की शुरुआत का उल्लेख किया और कहा कि द्रमुक ने एसआईआर का विरोध करने के लिए दो नवंबर को कई दलों की एक बैठक की थी और उनकी पार्टी ने इस प्रक्रिया को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हालांकि, कानूनी लड़ाई (न्यायालय में एसआईआर के खिलाफ द्रमुक की) एक पहलू है, मतदाता सूची संशोधन का काम भी साथ-साथ चल रहा है। इस पर नजर रखना हमारी बड़ी जिम्मेदारी है। आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि आज के संदर्भ में यह बेहद महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने कहा कि 11 नवंबर को द्रमुक के नेतृत्व वाला धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करेगा।
स्टालिन ने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि पहले से प्रकाशित सूची के आधार पर, बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर (4 नवंबर से) फॉर्म बांट रहे हैं। ये फॉर्म चार दिसंबर तक भरकर जमा करने होंगे। एक संकट पैदा हो गया है, क्योंकि केवल इस तरह से जमा किए गए नाम ही मतदाता सूची में शामिल किए जाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि वे चार दिसंबर तक तीन बार दौरा करेंगे। स्टालिन ने कहा, ‘‘अगर हम काम पर बाहर हैं, किसी काम में व्यस्त हैं, या घर पर नहीं हैं, तो हमें अपने मताधिकार खोने का जोखिम उठाना पड़ सकता है।
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