पवार के गढ़ में भाजपा का प्रवेश रोकने की कोशिश में जुटी हैं सुप्रिया सुले
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा चुनाव 2019 में महाराष्ट्र की कुल 48 में से 45 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। इनमें पवार परिवार का गढ़ बारामती भी शामिल है।
पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेता सुप्रिया सुले 2014 में ‘मोदी लहर’ के बावजूद अपनी सीट बचाने में कामयाब रहीं और इस आम चुनाव में भी वह भाजपा को अपने पिता शरद पवार का गढ़ माने जाने वाले बारामती में सेंध लगाने से रोकने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही हैं। सुले 2014 में भाजपा के सहयोगी दल राष्ट्रीय समाज पक्ष (आरएसपी) के महादेव जंकर से 70 हजार वोटों के मामूली अंतर से जीती थीं।
देशभरात नोकरी गेलेले व नोकरी शोधणारे अशा दोघांचीही संख्या वाढती आहे. हे बदलण्यासाठी गुंतवणुकीस चालना मिळून रोजगारनिर्मिती होणे गरजेचे आहे. म्हणून धोरणात्मक बदल आणि कररचनेतील अनिश्चितता दूर करून देश स्पर्धात्मक पातळीवर पुन्हा सक्षम बनवण्याचा आमचा निर्धार आहे. #manifesto #NCP2019 pic.twitter.com/hodyQFxPxC
— NCP (@NCPspeaks) March 30, 2019
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा चुनाव 2019 में महाराष्ट्र की कुल 48 में से 45 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। इनमें पवार परिवार का गढ़ बारामती भी शामिल है। भगवा पार्टी ने बारामती से इस बार अपने चुनाव चिह्न पर उम्मीदवार खड़ा कर राकांपा को कड़ी टक्कर देने की अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है। राकांपा 1999 से ही बारमती सीट से जीत रही है।
इसे भी पढ़ें: हरिद्वार में शाम को होने वाली गंगा आरती की भव्य और दिव्य झलकियाँ देखिये
2014 में राकांपा प्रमुख शरद पवार की बेटी सुले ने जंकर को 70 हजार वोटों से हराया था। कहने को तो यह अच्छी जीत थी लेकिन 2009 के मुकाबले यह अंतर बेहद मामूली था। 2009 में जीत का अंतर तीन लाख वोटों से ज्यादा था। इस बार चुनाव में भाजपा ने दौंड से आरएसपी विधायक राहुल कुल की पत्नी कंचन कुल को सुले के खिलाफ बारामती से अपना उम्मीदवार बनाया है। सुले इसबार चुनाव जीतने और अपने गढ़ को बचाए रखने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही हैं।
अन्य न्यूज़