सुशील मोदी का आरोप, वोट ठगने का ‘केजरीवाल-फॉर्मूला’ अपना रहा है राजद
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Oct 14 2020 9:54PM
राजद नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार पर हमला किया था और कहा था कि विभिन्न विभागों में राष्ट्रीय औसत के मानकों के हिसाब से बिहार में अभी 5 लाख 50 हजार नियुक्तियों की आवश्यकता है।
पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को कहा कि राजद वोट ठगने का ‘केजरीवाल-फॉर्मूला’ अपना रहा है और यदि इसकी सरकार आई तो बिहार में फिर से अपहरण-फिरौती उद्योग चलेगा, महिलाएँ घर से निकलने में डरेंगी और युवा पलायन करने लगेंगे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ लालू-राबड़ी सरकार ने युवाओं को नौकरी दिलाने की नहीं, केवल गरीबों के वोट हथियाने का जाल बुनने की चिंता की। चरवाहा विद्यालय खुलवाना उनका राजनीतिक स्टंट था, रोजगार देने वाली शिक्षा से उसका कोई वास्ता नहीं था।’’ उपमुख्यमंत्री ने राजद पर नौकरी से लेकर हर काम के पैसे लेने या जमीन अपने नाम लिखवाने का आरोप लगाया।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘ बिहार में राजद वोट ठगने का केजरीवाल- फॉर्मूला अपना रहा है।’’ उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जो आज पहली मंत्रिमंडल बैठक में 10 लाख लोगों को नौकरी देने का झूठा वादा कर रहे हैं, वे पहली कैबिनेट बैठक में ही हत्या, सामूहिक बलात्कार, अपहरण जैसे सैकड़ों संगीन मामलों में मुकदमे वापस लेकर अपराधियों का दुस्साहस बढ़ाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में बिहार में फिर से अपहरण-फिरौती उद्योग चलेगा, शाम ढलते बाजार में सन्नाटा फैल जाएगा, महिलाएँ घर से निकलने में डरेंगी और युवा पलायन करने लगेंगे। वहीं, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने ट्वीट किया कि 15 साल से क्या कर रहे थे। 15 साल बाद नीतीश जी और सुशील जी को महसूस हुआ कि बिहार में बेरोज़गारी है।क्या राजद चरवाहा विद्यालय में पढ़े या नन-मैट्रिक युवाओं को भी सरकारी नौकरी दे सकता है? यदि ऐसा संभव नहीं, तो शिक्षा को मजबूत करने के बजाय इसका मजाक क्यों बनाया गया?
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 14, 2020
राजद को गरीबों की दो पीढ़ियों को नौकरी के लायक नहीं बनने देने के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए।
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गौरतलब है कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार पर हमला किया था और कहा था कि विभिन्न विभागों में राष्ट्रीय औसत के मानकों के हिसाब से बिहार में अभी 5 लाख 50 हजार नियुक्तियों की आवश्यकता है। यादव ने कहा था कि उनकी सरकार बनने पर पहली मंत्रिमंडल बैठक में बिहार के 10 लाख युवाओं को नौकरी दी जाएगी।
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