तालिबान ने पाकिस्तान के भारत पर लगाए आरोप को किया खारिज, सीमा विवाद पर दिया बयान

 मोहम्मद याकूब
प्रतिरूप फोटो
Bloomberg
Ankit Jaiswal । Oct 22 2025 9:59PM

तालिबान ने पाकिस्तान के भारत पर अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा झड़पों में भूमिका के आरोप को बेबुनियाद और अस्वीकार्य बताते हुए खारिज कर दिया है। अफगान रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब ने स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान का मकसद भारत के साथ संबंध मजबूत करना है और वह अपनी भूमि का उपयोग किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होने देगा। यह बयान पाकिस्तान के साथ मौजूदा सीमा विवाद और भारत-अफगान रिश्तों में सुधार के बीच आया है।

नई दिल्ली। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान द्वारा भारत पर लगाए गए आरोप को पूरी तरह खारिज कर दिया है। बता दें कि पाकिस्तान ने हाल ही में अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर हुई झड़पों में भारत की भूमिका होने का आरोप लगाया था, जिसे काबुल ने "बेबुनियाद, तर्कहीन और अस्वीकार्य" बताया है।

मौजूदा जानकारी के अनुसार, अफगान रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब ने साफ किया कि अफगानिस्तान का मकसद भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह किसी तीसरे देश के खिलाफ कार्रवाई करेगा। याकूब तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे हैं और उन्होंने कतरी मीडिया अल जजीरा को दिए इंटरव्यू में कहा कि अफगान नीति कभी भी अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं करती है और भारत के साथ मजबूत और स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में संबंध बनाए रखना प्राथमिकता है।

गौरतलब है कि तालिबान ने हमेशा पाकिस्तान के आरोपों को खारिज किया है, जिसमें उसने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे उग्रवादी समूहों को अफगानिस्तान में पनाह देने का आरोप लगाया था। याकूब ने कहा कि हाल की झड़पों के पीछे पाकिस्तान की आक्रामक कार्रवाई, जैसे काबुल पर हवाई हमले, जिम्मेदार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कतर और तुर्की को शांति समझौते के क्रियान्वयन में मदद और निगरानी करनी चाहिए।

मौजूदा स्थिति में, अफगानिस्तान पाकिस्तान के साथ अच्छे पड़ोसी के रिश्ते बनाए रखना चाहता है, लेकिन इसके लिए आपसी सम्मान और सीमा का उल्लंघन न करने जैसी प्रतिबद्धताओं का पालन जरूरी है। याकूब ने चेतावनी दी कि यह शांति समझौता तभी सफल रहेगा जब सभी पक्ष अपनी जिम्मेदारियों को समझें और सीमा उल्लंघन से बचें। अफगान तालिबान की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब भारत और अफगानिस्तान के बीच धीरे-धीरे रिश्ते सुधार की दिशा में हैं, हालांकि नई दिल्ली ने तालिबान सरकार को अभी तक आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी है।

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