तमिलनाडु: इस्लामिक राज्य की स्थापना के लिए सशस्त्र संघर्ष को बढ़ावा देने के आरोप में चार गिरफ्तार

एनआईए की जांच में यह सामने आया है कि आरोपियों ने खिलाफ़त की विचारधारा और जिहाद के माध्यम से शहादत को बढ़ावा दिया, और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को हटाकर इस्लामी राज्य की स्थापना के लिए हिंसा और सशस्त्र संघर्ष की वकालत की।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने इस्लामिक राज्य की स्थापना के लिए सशस्त्र संघर्ष को बढ़ावा देने में शामिल कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ अपनी जांच के तहत बुधवार को तमिलनाडु में चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, आरोपियों की पहचान अहमद अली, जवाहर सातिक, राजा अब्दुल्ला उर्फ एमएसी राजा और शेख दाऊद के रूप में हुई है, जिन्हें मद्रास अरबी कॉलेज के संस्थापक जमील बाशा ने कट्टरपंथी बनाया था।
बाशा और उसके सहयोगी तमिलनाडु में अरबी की कक्षाओं की आड़ में भोले-भाले युवाओं को भर्ती करते थे, और उनमें सलाफी‑जिहादी विचारधारा का संचार करते थे। एनआईए ने पहले जमील बाशा और उनके सहयोगियों इरशाथ, सैयद अब्दुर रहमान और मोहम्मद हुसैन को गिरफ्तार कर आरोपपत्र दाखिल किए थे।
आरोप है कि वे कक्षाओं और सोशल मीडिया मंच का उपयोग करके राष्ट्र-विरोधी कट्टरपंथ फैलाने और युवाओं की भर्ती की गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। जांच एजेंसी द्वारा जारी बयान में कहा गया है, एनआईए की जांच में यह सामने आया है कि आरोपियों ने खिलाफ़त की विचारधारा और जिहाद के माध्यम से शहादत को बढ़ावा दिया, और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को हटाकर इस्लामी राज्य की स्थापना के लिए हिंसा और सशस्त्र संघर्ष की वकालत की।
अन्य न्यूज़












