SC की टिप्पणी के बाद मुंबई से अहमदाबाद तक एक्शन, तीस्ता सीतलड़वाड़ को हिरासत में लिया गया और पूर्व IPS आरबी श्रीकुमार हुए गिरफ्तार
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गुजरात एटीएस की टीम तीस्ता सीतलवाड़ के मुंबई स्थित आवास पर उनके एनजीओ पर एक केस के सिलसिले में पहुंची। गुजरात एटीएस ने कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में लिया और मुंबई के सांताक्रूज पुलिस स्टेशन ले गए हैं।
गुजरात में 2002 के दंगों पर झूठे खुलासे कर सनसनी पैदा करने वालों पर कानून के अनुसार कार्रवाई करने की जरूरत बताने वाली देश की सर्वोच्च अदालत की टिप्पणी के बाद दिल्ली से लेकर अहमदाबाद तक पुलिस हरकत में आ गई है। गुजरात एटीएस की टीम तीस्ता सीतलवाड़ के मुंबई स्थित आवास पर उनके एनजीओ पर एक केस के सिलसिले में पहुंची। गुजरात एटीएस ने कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में लिया और मुंबई के सांताक्रूज पुलिस स्टेशन ले गए हैं। इसके साथ ही अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने पूर्व आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार को भी गिरफ्तार कर लिया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के मामले में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष जांच दल की क्लीन चिट को बरकरार रखते हुए कहा कि सह-याचिकाकर्ता और कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने याचिकाकर्ता जकिया जाफरी की भावनाओं का शोषण किया। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि उसे राज्य सरकार की इस दलील में दम नजर आता है कि संजीव भट्ट (तत्कालीन आईपीएस अधिकारी) और आरबी श्रीकुमार (अब सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी) की गवाही मामले को केवल सनसनीखेज बनाने और इसके राजनीतिकरण के लिए थी, जबकि ‘यह झूठ से भरा हुआ था।’
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शीर्ष अदालत ने कहा कि संजीव भट्ट और आरबी श्रीकुमार ने खुद को उस बैठक के चश्मदीद गवाह होने का झूठा दावा किया, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री (नरेन्द्र मोदी) द्वारा कथित तौर पर बयान दिए गए थे और विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उनके दावों को खारिज कर दिया था। न्यायालय ने कहा, 'अंतत: यह हमें प्रतीत होता है कि गुजरात सरकार के असंतुष्ट अधिकारियों के साथ-साथ अन्य लोगों का एक संयुक्त प्रयास (इस प्रकार के) खुलासे करके सनसनी पैदा करना था, जबकि उनकी जानकारी झूठ पर आधारित थी।
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