RAW Part II | कब और क्यों किया गया रॉ का गठन, किन ऑपरेशंस को दिए हैं इसने अंजाम

RAW Part II
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Apr 25 2023 7:16PM

ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा, ऑपरेशन चाणक्य इसी एजेंसी के ऑपरेशन रहे हैं। यह संस्था सूचना के अधिकार कानून से बाहर है और संसद के प्रति जवाब दे भी नहीं है।

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग यानी रॉ एजेंसी भारत की अंतर्राष्ट्रीय गुप्तचर संस्था है। इसका हेड क्वार्टर नई दिल्ली में है। इंफॉर्मेशन कलेक्ट करना, आतंकवाद को रोकना और सीक्रेट ऑपरेशन को अंजाम देना जैसे महत्वपूर्ण काम को अंजाम देने वाली एजेंसी है। ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा, ऑपरेशन चाणक्य इसी एजेंसी के ऑपरेशन रहे हैं। यह संस्था सूचना के अधिकार कानून से बाहर है और संसद के प्रति जवाब दे भी नहीं है।

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रॉ एजेंट का सलेक्शन कैसे होता है?

इसे आज भी भारत के सरकारी संस्था में नहीं गिना जाता है। शुरुआत में तो इंडियन आर्मी और पुलिस विभाग में से सबसे तेज और होशियार जवान को इस एजेंसी के लिए चुना जाता था। लेकिन अब यूनिवर्सिटी से भी इनका चयन होता है।

कब और क्यों किया गया रॉ का गठन

रॉ के गठन से पहले जासूसी का जिम्मा केवल इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी का हुआ करता था। 1947 में आजादी के बाद संजीव पिल्लई आइबी के पहले भारतीय डायरेक्टर बने और भारत के लिए काम करना शुरू किया। धीरे-धीरे समय बीतता गया और साल 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ, जिसमें भारत को चीन के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इस हार का बड़ा कारण यह भी था कि भारत की इंटेलिजेंस ब्यूरो ठीक तरह से काम नहीं कर सकी थी। तभी उस समय के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आईबी के असफल काम को देखते हुए एक एजेंसी बनाने का सुझाव दिया जो केवल जासूसी का काम देखें। यह सुझाव कुछ सालों तक होल्ड पड़ रहा और तब तक 1965 में एक बार फिर भारत-पाक के बीच युद्ध हो गया। उस वक्त भारत के सेना अध्यक्ष ने कहा था कि उन्हें और भी जासूसी की सटीक जानकारियों की जरूरत है। यहीं से जासूसी की एक और एजेंसी बनाने के प्रयास तेज होने लगे। फिर 1968 में इंदिरा गांधी के कार्यकाल में जासूसी एजेंसी रॉ की नींव पड़ी। रॉ का पहला चीफ आरएन कांव को बनाया गया।

आईएसआई और रॉ का फुल फॉर्म क्या होता है?

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) भारत की प्राथमिक विदेशी खुफिया एजेंसी है। इसकी स्थापना 1968 में चीन-भारतीय और भारत-पाकिस्तान युद्धों की खुफिया विफलताओं के बाद की गई थी। इस घटना ने भारत सरकार को विदेशी खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए समर्पित एक विशेष, स्वतंत्र एजेंसी बनाने के लिए राजी किया था, घरेलू और विदेशी दोनों तरह की खुफिया जानकारी जिसके दायरे में आती। जबकि इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) पाकिस्तान की एक खुफिया एजेंसी है। इसका मुख्यालय पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में है। यह एक प्रमुख खुफिया सेवा है, जो पाकिस्तान में खुफिया मूल्यांकन और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है। 

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