बिहार विधानसभा में तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर किया जोरदार प्रहार, जानिए क्या कुछ कहा

Tejashwi Yadav

बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पेश गृह विभाग के 13973.24 करोड़ रुपये की बजटीय मांग पर चर्चा में भाग लेते हुए तेजस्वी ने लगभग एक घंटे तक अपनी बात रखने के बाद अंत में सदन अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से शिकायत की।

पटना। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने सत्ता पक्ष की ओर से की गई टोका-टाकी के बीच प्रदेश की नीतीश कुमार सरकार पर मंगलवार को जोरदार प्रहार किया। बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पेश गृह विभाग के 13973.24 करोड़ रुपये की बजटीय मांग पर चर्चा में भाग लेते हुए तेजस्वी ने लगभग एक घंटे तक अपनी बात रखने के बाद अंत में सदन अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से शिकायत की कि उनका अधिकांश समय सत्तापक्ष द्वारा पैदा किए गए विघ्न के कारण बर्बाद हुआ। गृह विभाग हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास है जो सदन में मौजूद थे जबकि मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने सरकार की ओर से जवाब दिया। 

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मंत्री ने एक लिखित भाषण पढ़ा जिसमें अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती और उन्हें बेहतर साजो-सामान से लैस करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। तेजस्वी यादव ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि राज्य में अपराध की दर लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के शासनकाल की तुलना में काफी बढ़ गई है। उन्होंने पिछले साल एक स्कूल से बड़ी मात्रा में शराब की बरामदगी से संबंधित एक प्राथमिकी में एक मंत्री के भाई को आरोपित किए जाने का मुद्दा भी उठाया और सरकार पर आरोपी को बचाने का आरोप भी लगाया। हालांकि, वह मंत्री का नाम लेने से बचते रहे। गोपालगंज की एक अदालत द्वारा जहरीली शराब के मामले में हाल ही में नौ लोगों को फांसी की सजा सुनाए जाने का जिक्र करते हुए राजद नेता तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सरकार के पास अवैध शराब की बड़े आपूर्तिकर्ताओं को पकड़ने की इच्छाशक्ति का अभाव है।

तेजस्वी के अपनी बात रखे जाने के बाद राम सूरत राय ने कहा कि उनका चरित्र हरण किया जा रहा है। बंद चीनी मिलें कब खुलेंगी को लेकर सोमवार को पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर दिए जाने के क्रम में तेजस्वी ने टिप्पणी कि थी कि कैसे आप लोगों को मंत्री बना दिया जाता है। जवाब देना आता नहीं , उक्त टिप्पणी पर गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार ने आपत्ति जताते हुए कहा, तेजस्वी के पिता मेरे परिवार को जानते हैं और मैं उन्हें जानता हूं। मैंने उनके पिता के साथ 1974 के जेपी आंदोलन में भाग लिया है। मैं पांच बार विधायक रहा हूं। तेजस्वी ने साल 2010 में तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच कथित विवाद के कारण भाजपा नेताओं को दावत देकर थाली खींचने वाले प्रकरण की याद दिलाते हुए भाजपा सदस्यों को सावधान करते हुए कहा, भाजपा वालों को अभी भी नीतीश कुमार से सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको नीतीश ने ठगा नहीं। 

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तेजस्वी ने इस दौरान मंत्री मुकेश सहनी का नाम लिए बिना आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने ऐसे लोगों को भी मंत्री बनाया है जो चुनाव में हार गए थे। राजद नेता की इस टिप्पणी पर मुकेश सहनी ने पलटवार करते हुए कटाक्ष किया, आजतक मैं कभी जेल नहीं गया हूं और न ही कोर्ट गया हूं। मंत्री मुकेश सहनी के बोलने के बाद गन्ना मंत्री प्रमोद कुमार खड़े होकर कथित तौर पर मुक्का दिखाया, जिस पर विपक्षी सदस्य उनपर प्रतिपक्ष के नेता को मुक्का दिखाने का आरोप लगाते हुए माफी की मांग करने लगे।

राजद विधायक अलोक मेहता ने कहा कि मंत्री प्रमोद कुमार ने अपने व्यवहार में यह दिखा दिया कि वह सदन की गरिमा को कहां ले जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को मुक्का दिखाया, यह अशोभनीय है। मंत्री को पूरे सदन से माफी मांगनी चाहिए। हंगामा के दौरान विधानसभा अध्यक्ष के मंत्री प्रमोद कुमार को इस बारे में स्पष्ट करने को कहे जाने पर मंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी बात रखे जाने के दौरान मुक्का नहीं दिखाया। गृह विभाग के बजटीय मांग पर चर्चा में भाग लेने के दौरान बार-बार टोका-टोकी से परेशान तेजस्वी ने सत्ता पक्ष को चेतावनी दी कि अगर उनका व्यवहार ऐसा ही रहा तो वह मुख्यमंत्री को बोलने नहीं देंगे।

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