बंगला खाली कराने को लेकर नीतीश पर आक्रामक हुए तेजस्वी यादव
घटना से नाराज यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर स्वयं एक से अधिक बंगला रखने और उनके सहयोगियों पर अनधिकृत तौर पर बंगला पर कब्जा करने का आरोप लगाया।
पटना। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के सरकारी आवास को बुधवार को खाली कराने की कवायद को जिला प्रशासन ने अदालत में मामला दर्ज होने की बात सामने आने के बाद स्थगित कर दिया। पटना उच्च न्यायालय की एकल खंडपीड के आदेश के बाद जिला प्रशासन की एक टीम आज सुबह 5 देशरत्न मार्ग स्थित यादव के सरकारी आवास को खाली कराने पहुंची थी। पर यादव के वकील से मिली जानकारी के बाद ये कार्रवाई रोक दी गई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दल जेडीयू के अनेकों पूर्व MLC, पूर्व मंत्री और विधायक ठीक उनकी नाक के नीचे अवैध रूप से मंत्री स्तर के अनेकों बंगला पर क़ब्ज़ा किए हुए है।कुछ तो ठीक सीएम आवास के बग़ल में ही है।लेकिन कथित नैतिकता के धनी अंतरात्मा कुमार जी उनके लिए धृतराष्ट्र बन जाते है। pic.twitter.com/RjozITwKuv
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) December 5, 2018
उच्च न्यायालय की एकल खंडपीड के आदेश के खिलाफ उन्होंने दोहरी खंडपीठ में याचिका दायर की है। घटना से नाराज यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर स्वयं एक से अधिक बंगला रखने और उनके सहयोगियों पर अनधिकृत तौर पर बंगला पर कब्जा करने का आरोप लगाया। प्रशासन के पहुंचने पर राजद के विधायकों और नेताओं ने इसका विरोध किया और वे आवास के बाहर धरने पर बैठ गए।
उल्लेखनीय है कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव को यह आवास उपमुख्यमंत्री रहते हुए आवंटित हुआ था पर बाद में राजग सरकार बनने पर इसे नए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को दे दिया गया। नेता प्रतिपक्ष यादव आवास खाली करने की घटना के समय दिल्ली में थे। बाद में यहां पहुंचने पर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे प्रदेश में गिरती कानून व्यवस्था सहित अन्य मामलों पर चुप्पी साधे हुये हैं।
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उन्होंने कहा विपक्ष का काम सरकार की कमियों को गिनाना है और ऐसा करने पर मुख्यमंत्री को उनके प्रति अपने मन में इतना 'जहर' और 'गुस्सा' नहीं रखना चाहिए कि उसका बदला कभी आवास के समीप निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाकर अथवा उनके आवास को खाली कराने की कार्रवाई का सहारा लें। यादव ने कहा कि आवास का मामला उच्च न्यायालय के दोहरी खंडपीठ के समक्ष विचाराधीन है जिसकी अगली सुनवाई आगामी 10 दिसंबर को होगी और अदालत के निर्णय से संतुष्ट नहीं होने पर वह उच्चतम न्यायालय तक जा सकते हैं।
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उन्होंने सत्तारूढ़ जदयू के चार विधायकों, बिहार विधान परिषद के एक सदस्य तथा परिषद के पूर्व सदस्यों के मंत्री स्तर का बंगले पर कब्जा करने का आरोप लगाया। उन्होंने दो विधान पार्षद के मिले सरकारी आवास को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह और सांसद आरसीपी सिंह को किराए पर देने का आरोप लगाया। तजस्वी ने नीतीश पर डरे होने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहली बार किसी मुख्यमंत्री की ओर से इस तरह की कार्रवाई की गयी है। तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेजप्रताप यादव ने इस मामले में कुमार पर आरोप लगाया कि वे प्रदेश में गिरती विधि व्यवस्था सहित अन्य ज्वलंत मुद्दों पर ध्यान देने के बजाए बदले की भावना से बंगला—बंगला का 'खेल' खेल रहे हैं।
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