जाली नोटों का आतंकी कनेक्शन, बिहार, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना में NIA की रेड

एनआईए ने कहा कि नकली मुद्रा रैकेट की जांच के तहत बिहार में पांच स्थानों और जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना में एक-एक स्थान पर व्यापक तलाशी ली गई। यह रैकेट कथित तौर पर नेपाल के आरोपियों और संदिग्धों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके संचालित किया गया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने नेपाल से संचालित नकली भारतीय मुद्रा रैकेट की जांच के लिए बुधवार को तीन राज्यों में कई स्थानों पर तलाशी ली। यह तलाशी बिहार में उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय मुद्रा नोटों (एफआईसीएन) की जब्ती के संबंध में पिछले साल दर्ज एक मामले की एनआईए की जांच के हिस्से के रूप में की गई थी।
बिहार, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना में सर्च ऑपरेशन
एनआईए ने कहा कि नकली मुद्रा रैकेट की जांच के तहत बिहार में पांच स्थानों और जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना में एक-एक स्थान पर व्यापक तलाशी ली गई। यह रैकेट कथित तौर पर नेपाल के आरोपियों और संदिग्धों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके संचालित किया गया था। इसमें कहा गया कि एनआईए की टीमों ने बिहार के पटना, भागलपुर, भोजपुर और मोतिहारी जिलों, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले और हैदराबाद, तेलंगाना में संदिग्धों के परिसरों की तलाशी ली। बयान में कहा गया तलाशी के दौरान पेन ड्राइव, मोबाइल फोन, सिम कार्ड आदि सहित डिजिटल उपकरणों के साथ 1,49,400 रुपये की नकदी जब्त की गई। टीम ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए।
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मामला क्या है?
मामला तीन आरोपियों- मोहम्मद नजर सद्दाम (भागलपुर), मोहम्मद वारिस (भोजपुर) और जाकिर हुसैन (पटना) से 1.95 लाख रुपये के नकली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन) की जब्ती से संबंधित है। तीनों को स्थानीय पुलिस ने 5 सितंबर, 2024 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद, एक अन्य आरोपी मुजफ्फर अहमद वानी उर्फ सरफराज को अनंतनाग, जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने दिसंबर 2024 में बिहार पुलिस से मामला अपने हाथ में ले लिया और अपनी जांच जारी रखी।
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