इंसेफेलाइटिस की गंभीर स्थिति के लिए उप्र सरकार जिम्मेदारः केंद्र

[email protected] । Aug 11 2016 2:55PM

उत्तर प्रदेश समेत कुछ राज्यों में इंसेफेलाइटिस के कारण उत्पन्न गंभीर स्थिति को स्वीकार करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए जिम्मेदार है।

उत्तर प्रदेश समेत कुछ राज्यों में इंसेफेलाइटिस के कारण उत्पन्न गंभीर स्थिति को स्वीकार करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि राज्य में चिकित्सा अधिकारियों, नर्सों और सहायक स्टाफ के रिक्त पद कार्यक्रम को प्रभावित कर रहे हैं, साथ ही आवंटित निधियों को खर्च नहीं किये जाने से भी कार्यान्वयन प्रभावित हो रहा है। देश में विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस के फैलने के विषय पर योगी आदित्यनाथ और जगदम्बिका पाल के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बयान में नड्डा ने कहा कि जन स्वास्थ्य राज्य का विषय है और इसलिए लोगों की स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराने की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य कर है।

भारत सरकार द्वारा सहायता प्रदान किये जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश में 20 पीआईसीयू में से केवल 10 पीआईसीयू स्थापित किये गए, साथ ही चिकित्सा अधिकारियों, नर्सों और सहायक स्टाफ के काफी पद रिक्त हैं जो कार्यक्रम के कार्यान्वयन को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावी रोग नियंत्रण के लिए निधियों के उपयोग से क्षमता में सुधार किये जाने की जरूरत है। उन्होंने साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर में एम्स की आधारशिला रखी है और इससे स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी। नड्डा ने कहा कि मंत्रालय इस समस्या का प्रभावी समाधान निकालने के लिए विषय को राज्य सरकार के समक्ष उठा रहा है। अप्रैल 2016 तक खर्च नहीं की गई बकाया राशि उत्तर प्रदेश में 33.47 करोड़ रूपये थी। फिर भी वर्तमान वर्ष में राज्य सरकार को वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के लिए 17.50 करोड़ रूपये आवंटित किये गए। उन्होंने कहा कि 12 जुलाई 2016 को उत्तर प्रदेश सहित 11 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव ने 27 मई 2016 को अंतर मंत्रालयी समन्वय समिति की बैठक की और स्थिति की समय समय पर विभिन्न स्तरों पर समीक्षा की गई।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि केंद्रीय दलों ने हाल में इंसेफेलाइटिस की रोकथाम और नियंत्रण में सहायता करने के लिए उत्तरप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों का दौरा किया। जनवरी 2016 में वेक्टर जनित रोगों पर 10 परामर्श चेतावनियां जारी की गई हैं। उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिस आम तौर पर 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों को होता है लेकिन असम, पश्चिम बंगाल के उत्तरी क्षेत्र के जिलों और उत्तरप्रदेश के कुछ हिस्सों में वयस्क भी इससे प्रभावित होते हैं।

नड्डा ने कहा कि वर्तमान वर्ष के दौरान अभी तक उत्तर प्रदेश से इंसेफेलाइटिस के कुल 757 मामलों की सूचना प्राप्त हुई है जिनमें कुशीनगर, देवरिया, महाराजगंज, गोरखपुर, बस्ती, संत कबीर नगर और सिद्धार्थ नगर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भारत सरकार ने गोरखपुर में राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान की एक फील्ड इकाई, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्रीय कार्यालय की एक उप इकाई की स्थापना करने के साथ गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कालेज में जापानी इंसेफेलाइटिस का उन्नयन करने के लिए सहायता उपलब्ध कराई है। मंत्री ने कहा कि उन्हें सदन को यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जुलाई 2016 को गोरखपुर में एम्स की आधारशिला रखी जिससे स्थिति को सुधारने में मदद मिलेगी। नड्डा ने कहा कि मंत्रालय ने प्रभावित बच्चों को गहन परिचर्या सहायता उपलब्ध कराने के लिए 20 जिलों में बाल चिकित्सा इंटेसिव केयर यूनिट स्थापित करने के साथ इस बीमारी के कारण दिव्यांगों के पुनर्वास के लिए 3 मेडिकल कालेजों में शारीरिक चिकित्सा एवं पुनर्वास इकाई स्थापित करने में लिए उत्तर प्रदेश राज्य को सहायता प्रदान की है।

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