राफेल सौदे की कीमत पर प्रधानमंत्री की दलील धराशायी हो गई: राहुल
उन्होंने एक ईमेल का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया है कि कारोबारी को भारत और फ्रांस के बीच यह सौदा तय होने से काफी पहले ही इसकी जानकारी थी।
नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला तेज करते हुए बुधवार को एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि सौदे का बचाव करने के लिए विमानों की बेहतर कीमत और शीघ्र आपूर्ति की प्रधानमंत्री की दलीलें ‘‘धराशायी’’ हो गई है। दरअसल एक खबर में दावा किया है कि राफेल सौदा संप्रग के कार्यकाल के मुकाबले ‘‘बेहतर शर्तों’’ पर नहीं हुआ है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने अपने निजी राफेल बाइपास सौदे का दो दलीलों से बचाव किया : पहला बेहतर मूल्य और दूसरा शीघ्र आपूर्ति। ‘द हिंदू’ के आज के खुलासे से दोनों दलीलें धराशायी हो गई है।’’
The PM defended his personal RAFALE bypass deal on 2 counts :
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 13, 2019
1. Better Price
2. Faster Delivery
Both have been demolished by the revelations in the Hindu today.
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अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, सात सदस्यीय भारतीय वार्ताकार दल (आईएनटी) में विशेषज्ञ रहे रक्षा मंत्रालय के तीन वरिष्ठ अधिकारी ‘‘पूरी तरह से पुष्ट और स्पष्ट निष्कर्ष’’ पर पहुंचे कि नरेंद्र मोदी सरकार का पूरी तरह से तैयार 36 विमानों के लिए नया राफेल सौदा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की 126 विमानों की खरीद के लिए दसॉल्ट एविएशन द्वारा दी गई पेशकश के मुकाबले ‘‘बेहतर शर्तों’’ पर नहीं था।
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कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ‘‘चोर पकड़ा गया।’’ सुरजेवाला ने चार बातों का जिक्र किया - 36 राफेल विमानों की कीमतें संप्रग काल की पेशकश के मुकाबले 55 गुना ज्यादा हैं , यूरोफाइटर द्वारा राफेल के लिए दी 25 फीसदी की छूट ना लेने से हुआ नुकसान, बैंक और सरकारी गारंटी की छूट और कीमत में वृद्धि के साथ दस साल के लिए कोई विमान नहीं। कांग्रेस ने यह बयान तब दिया जब एक दिन पहले गांधी ने प्रधानमंत्री पर ‘‘देशद्रोह’’ और राफेल विमान अनुबंध में अनिल अंबानी के ‘‘बिचौलिए’’ के रूप में काम करके सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने एक ईमेल का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया है कि कारोबारी को भारत और फ्रांस के बीच यह सौदा तय होने से काफी पहले ही इसकी जानकारी थी।
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