आश्रयगृह कांड: बिहार सरकार के अनुरोध को SC ने ठुकराया, सभी मामलों की जांच CBI ही करेगी
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की रिपोर्ट में बिहार के 17 आश्रय गृहों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई थी, सीबीआई को इसकी जरूर जांच करनी चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को बिहार के कई आश्रय गृहों में रहने वाले लड़के लड़कियों के शारीरिक और यौन दुर्व्यवहार के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की रिपोर्ट में बिहार के 17 आश्रय गृहों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई थी, सीबीआई को इसकी जरूर जांच करनी चाहिए।
Muzaffarpur(Bihar) shelter home case: Supreme Court orders for transferring investigation against all the 17 shelter homes and their owners in the state to CBI. A TISS report had alleged sexual abuse of children. pic.twitter.com/ceYvc23Xb5
— ANI (@ANI) November 28, 2018
न्यायालय ने आश्रम गृहों की जांच सीबीआई को नहीं सौंपने का बिहार सरकार का अनुरोध ठुकरा दिया है। सीबीआई ने न्यायालय से कहा कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में सात दिसंबर तक आरोपपत्र दाखिल कर दिया जायेगा। न्यायालय ने कहा बिहार में आश्रय गृह की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों का तबादला बिना उसकी (न्यायालय) पूर्व अनुमति के नहीं किया जाए।
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इससे पहले कल उच्चतम न्यायालय ने बिहार के कई आश्रय गृहों में बच्चों के शारीरिक और यौन शोषण के आरोपों के बावजूद उचित कार्रवाई नहीं करने पर राज्य सरकार के आचरण को मंगलवार को ‘बहुत ही शर्मनाक’ और ‘अमानवीय’ करार दिया था। न्यायालय ने ऐसे मामलों में केन्द्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की हिमायत की थी।
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