मंदिर का निर्माण विहिप एवं रामजन्मभूमि न्याय के मॉडल के अनुरूप ही हो: चंपत राय

the-temple-should-be-constructed-according-to-the-model-of-vhp-and-ramjanmabhoomi-justice-champat-rai
[email protected] । Feb 23 2020 2:15PM

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास प्रस्तावित मंदिर के मॉडल और आकार को विस्तार देने सहित कई तरह के सुझाव आ रहे हैं। लेकिन ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि विश्व हिन्दू परिषद एवं राम जन्मभूमि न्यास के मॉडल के अनुरूप ही मंदिर का निर्माण होना चाहिए।

नयी दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए  श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट  के पास प्रस्तावित मंदिर के मॉडल और आकार को विस्तार देने सहित कई तरह के सुझाव आ रहे हैं। लेकिन ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) एवं राम जन्मभूमि न्यास के मॉडल के अनुरूप ही मंदिर का निर्माण होना चाहिए। 

मंदिर निर्माण से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर पेश है ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से  पांच सवाल’ और उनके जवाब : 

सवाल: मंदिर को भव्य रूप देने और आकार बढ़ाने का सुझाव आया है। इस विषय पर आप क्या कहेंगे ?

जवाब: रामजन्मभूमि न्यास की ओर से प्रस्तावित मॉडल के अनुरूप ही मंदिर का निर्माण होना चाहिए। राम जन्मभूमि पर गगनचुंबी मंदिर के न्यास के प्रस्तावित मॉडल को खारिज किया जाना उचित नहीं है। राम मंदिर का निर्माण उसी मॉडल पर किया जाना चाहिए जो तीन दशकों से समाज के मानसपटल पर अंकित है और कार्यशाला में उसी के अनुरूप पत्थरों का तराशने का काम चल रहा है। मॉडल में बदलाव से राम मंदिर निर्माण में काफी समय लगेगा।

सवाल: अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर का भूमि पूजन या शिलान्यास कब होगा ?

जवाब : सबसे पहले पुरातात्विक और स्थापत्य कला के विशेषज्ञ, इंजीनियर एक साथ बैठेंगे और भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा से विचार विमर्श करेंगे। एक पहलू यह भी है कि जहां गर्भगृह बनना है, उस भूमि की मिट्टी का परीक्षण होगा और उसके बाद ही शिलान्यास संभावित है। 

वैसे भी मंदिर का शिलान्यास तो 1989 में कामेश्वर चौपाल ने कर दिया था, जो तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य भी बनाए गए हैं। हालांकि नए सिरे से निर्माण से पहले पूजन की परंपरा रही है और इन सभी विषयों पर ट्रस्ट की बैठक में चर्चा होगी और फैसला होगा। 

सवाल : रामलला अभी तिरपाल के टेंट में विराजमान हैं। मंदिर निर्माण शुरू होने पर रामलला को कहां रखा जायेगा ?

जवाब : मंदिर निर्माण आरंभ होने से पहले भगवान रामलला के विग्रह को 67 एकड़ के परिसर के दायरे में ही अन्यत्र स्थानांतरित करना होगा। इसमें सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता दी जाएगी । पुलिस एवं सुरक्षा अधिकारियों द्वारा किसी सुरक्षित स्थान को चिह्नित करने के बाद यह भी देखा जाएगा कि श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन के लिए कम चलना पड़े। इस विषय को ट्रस्ट में निर्माण प्रशासन समिति के प्रमुख नृपेन्द्र मिश्रा देखेंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अस्थायी मंदिर का ढांचा इतना मजबूत हो कि चार साल तक मौसम के थपेड़े सह सके।

सवाल :प्रस्तावित मंदिर के पुजारी की योग्यता, वर्ग जैसे विषयों पर भी सवाल उठ रहे हैं, इस बारे में आप क्या कहेंगे ?

जवाब :रामलला का अर्चक (पुजारी) रामानंदीय परंपरा का, मंत्रों का ज्ञाता, सुशिक्षित और सभ्य होना चाहिए। मंदिर का पुजारी योग्यता देखकर तय किया जाएगा और पुजारी वही होगा जो रामानंद परम्परा को बेहतर जनता होगा। जो प्रकांड होगा । पुजारी की नियुक्ति में किसी जाति को महत्व नहीं दिया जायेगा।

सवाल : प्रस्तावित मंदिर के निर्माण के लिये क्या आम लोगों से दान स्वीकार किया जायेगा और इसकी रूपरेखा क्या होगी ?

उत्तर : धन के बारे में कोई विचार नहीं किया गया है। ट्रस्ट का बैंक खाता भारतीय स्टेट बैक की अयोध्या शाखा में खोला जायेगा। किन्हीं दो सदस्यों के हस्ताक्षर से खाता संचालित किया जाना है। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़