'कांग्रेस में दुश्मनी की भावना नहीं', खड़गे को लेकर बोले शशि थरूर- हम अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे हैं

Shashi Tharoor
ANI
अंकित सिंह । Oct 13 2022 12:53PM

शशि थरूर ने आगे कहा कि क्या आप चाहते हैं कि पार्टी बदलाव के साथ जाए या आप हर चीज से संतुष्ट हैं? उन्होंने कहा कि अगर आपको लगता है कि सब कुछ ठीक है, तो मुझे वोट न दें क्योंकि मैं पार्टी में ऐसा बदलाव चाहता हूं जो 2014 और 2019 में हमारे साथ नहीं रहने वाले मतदाताओं को वापस लाएगा।

कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव हो रहा है। इस चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर आमने-सामने हैं। 17 अक्टूबर को मतदान होंगे जबकि नतीजे 19 अक्टूबर को आएंगे। दोनों उम्मीदवार लगातार अपने पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज शशि थरूर दिल्ली में थे। शशि थरूर ने साफ तौर पर कहा है कि कांग्रेस के अंदर कोई भी दुश्मनी नहीं है। उन्होंने कहा कि हम अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे हैं। अपने बयान में शशि थरूर ने कहा कि हम चुनाव लड़ रहे हैं, हमारी पार्टी में दुश्मनी की भावना नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि खड़गे साहब मेरे वरिष्ठ नेता हैं और मैंने उनके साथ मिलकर काम किया है। चुनाव दो सहयोगियों में है जो यह देख रहे हैं कि पार्टी को मजबूत करने के लिए कैसे काम किया जाए।

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शशि थरूर ने यह भी कहा कि जनता BJP से संतुष्ट नहीं है। नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था का बुरा हाल जनता ने देखा है। बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, इतिहास में बेरोजगारी का इतना बुरा हाल नहीं हुआ। महंगाई बढ़ रही है, रुपए का भाव गिर रहा है। जनता नया विकल्प चाहती है। उन्होंने कहा कि साधारण कार्यकर्ताओं से मिलकर मुझे लग रहा है कि पार्टी में बहुत लोग बदलाव चाहते हैं। चुनाव पार्टी की मजबूती के लिए है। मैं पार्टी में नई ऊर्जा दिखाना चाहता हूं जिससे कि हमारी जनता में पार्टी के लिए भरोसा वापस आए। 

शशि थरूर ने आगे कहा कि क्या आप चाहते हैं कि पार्टी बदलाव के साथ जाए या आप हर चीज से संतुष्ट हैं? उन्होंने कहा कि अगर आपको लगता है कि सब कुछ ठीक है, तो मुझे वोट न दें क्योंकि मैं पार्टी में ऐसा बदलाव चाहता हूं जो 2014 और 2019 में हमारे साथ नहीं रहने वाले मतदाताओं को वापस लाएगा। आपको बता दें कि 2004 से 2014 तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस 2019 और 2014 के चुनाव में बुरी तरह से हार गई थी। 2019 के चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से कांग्रेस अध्यक्ष पद खाली था। सोनिया गांधी पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका का निर्वाहन कर रही थीं। 

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इससे पहेल थरूर ने कहा था कि मैं सोचता हूं कि पहला कदम यह होगा कि कांग्रेस कार्य समिति का चुनाव कराया जाए ताकि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का प्रसार हो सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि मैं कांग्रेस के संविधान को पूरी तरह से लागू करूंगा। संविधान के तहत कार्य समिति का चुनाव और संसदीय बोर्ड का गठन जरूरी है। वहीं थरूर ने गुप्त मतदान कराने के पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के फैसले का स्वागत किया और कहा कि गांधी परिवार कांग्रेस के लिए बड़ी पूंजी है और कोई अध्यक्ष उनसे दूरी नहीं बना सकता। थरूर ने कहा कि कोई व्यक्ति क्या पसंद करता है या नहीं, उसके आधार पर मतदान करना उसका अधिकार है। हमारी पार्टी ने मतदान प्रणाली के बारे में निर्णय की सार्वजनिक घोषणा कर अच्छा काम किया है। 

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