तबलीगी जमात की सोच में लगे उत्पाती वायरस के साइड इफेक्ट्स का शिकार बने UP-बिहार समेत ये राज्य

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अभिनय आकाश । Apr 9 2020 12:39PM

तबलीगी जमात के लोगों ने देश के सामने एक नई मुश्किल खड़ी की उपर से ये लोग खुद को छुपा रहे हैं, भाग रहे हैं। लेकिन जब इनकी पहचान करके इन्हें अस्पताल और क्वारंटीन सेंटर में रखा गया तो ये ऐसी हरकते करने लगे जिससे पूरे देश में गुस्सा है।

कोरोना वायरस के सामने भारत ने संयम और संकल्प की दीवार को खड़ा किया लेकिन इस दीवार को पिछले कुछ दिनों में एक दूषित सोच के वायरस ने कमजोर करने की लगातार कोशिश की। ये सोच और किसी की नहीं बल्कि देश के 14 राज्यों में कोरोना के कहर को फैलाने वाले तबलीगी जमात की है। एक तो तबलीगी जमात के लोगों ने देश के सामने एक नई मुश्किल खड़ी की उपर से ये लोग खुद को छुपा रहे हैं, भाग रहे हैं। लेकिन जब इनकी पहचान करके इन्हें अस्पताल और क्वारंटीन सेंटर में रखा गया तो ये ऐसी हरकते करने लगे जिससे पूरे देश में गुस्सा है। एक ओर जहां मरकज से निकाले गए लोगों को बचाने की कोशिश हो रही है तो वहीं इन पर जैसे आरोप लग रहे हैं जिसकी उम्मीद सभ्य समाज से तो बिल्कुल भी नहीं की जा सकती है।

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कानपुर में कई मजिस्दों से पुलिस ने तबलीगी जमात मरकज में शामिल कई लोगों को पकड़ा था। इन्हें क्वारंटाइन वार्ड में रखा गया था। लेकिन यहां से भी ऐसी खबरें आई कि इन लोगों ने पहले दिन से ही डाॅक्टरों के साथ अभद्रता की। एकसाथ बैठकर नमाज पढ़ने के अलावा अपने हाथों में थूककर उसे वार्ड की दीवारों और सीढ़ियों में लगाते थे। इन्हें समझाने का प्रयास किया तो ये लोग और उग्र हो गए। महिलाकर्मियों के साथ भी जमातियों ने अश्लीलता भी की। 

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उत्तर प्रदेश 

गाजियाबाद में इन लोगों की हरकतों को पूरे देश ने देखा। निजामुद्दीन मरकज से लाए गए छह लोग गाजियाबाद के एक अस्पताल में रखे और फिर इन्होंने मेडिकल स्टाफ से दुर्व्यवहार करने के साथ ही कपड़े बदलने के लिए बाथरूम की बजाए नर्सों की मौजूदगी में कपड़े बदलते रहे और अश्लीलता भी की। आखिरकार अस्पताल प्रशासन ने तंग आकर शिकायत की और इन्हें दूसरे क्वारंटीन में शिफ्ट किया गया। इसी तरह की खबर बागपत से भी आई बागपत से सामने आई जब यहां कोविड-19 से पीड़ि‍त एक 60 साल का मरीज सरकारी हेल्‍थसेंटर से भाग गया। उसे तलाशने के लिए पोस्टर निकाले गए। जमाती का नाम है शफील मियां। 

दिल्ली में मचाया था उत्पात

आपको याद होगा कि तुगलकाबाद के रेलवे के क्वारंटीन सेंटर में भी ऐसे दुर्व्यवहार किया था, डाक्टरों पर थूकने और अभद्र हरकते कर रहे थे। तबलीगी जमात के लोगों की इन्हीं हरकतों की वजह से सरकार को दिल्ली के अस्पतालों की सुरक्षा बढ़ानी पड़ी। दिल्ली के दो अस्पतालों ने तो तबलीगी जमात के सद्स्यों के खिलाफ केस दर्ज कराया। नरेला के क्वारंटीन सेंटर की तरफ से दर्ज एफआईआर में कहा गया कि तबलीगी मेंबर हेल्प नहीं कर रहे और अपने कमरे के बाहर ही शौच करने जैसी हरकते कर रहे हैं। दूसरी एफआईआर एलएनजेपी हास्पिटल की तरफ से दर्ज कराई गई जिसमें शिकायत की गई है कि तबलीगी जमात के लोग जानबूझकर हास्पिटल कैंपस में थूक रहे हैं। 

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महाराष्ट्र 

महाराष्ट्र में तबलीगी जमात के लोगों पर प्रशासन का सहयोग नहीं करने के आरोप हैं। मुंबई पुलिस ने 150 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। ये शिकायत बीएमसी की तरफ से की गई थी। पुलिस ने कहा, 'सभी 150 लोगों के खिलाफ इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की धारा 271 और 188 के तहत एफईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि क्वॉरंटीन आदेशों का उल्लंघन करने (आईपीसी की धारा 271) और सरकार के प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन करने (आईपीसी की धारा 188) के लिए तबलीगी जमात के 150 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। 

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बिहार

बिहार के सहरसा में जमातियो का घिनौना रूप देखने को मिला है। दरअसल सहरसा सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में तब्लीगी जमात के तीन लोगों को कोरोना का संदिग्ध मरीज मान कर भर्ती कराया गया। जमातियों ने अपने मोबाइल से नर्सों का वीडियो बनाना शुरू कर दिया। एक नर्स ने ये देखा तो उसने वीडियो बनाने से रोकने की कोशिश की। उसके बाद जमाती हंगामा करने लगे।

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गुजरात

अहमदाबाद के सोला अस्पताल में तबलीगी जमात के सदस्यों ने हंगामा खड़ा करते हुए दवाएँ और इंजेक्शंस लेने से मना कर दिया। इनका आरोप था कि सरकार इन्हें जान से मारने की कोशिश कर रही है। जमातियों ने खुद की इच्छा के विरुद्ध अस्पताल में रखे जाने का आरोप लगाया और एक कोने में इकट्ठा हो गए। इसके बाद अस्पताल प्रशासन को एक मुस्लिम डॉक्टर को बुलाना पड़ा। 

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तबलीगी जमाते के लोगों की गैर जिम्मेदाराना हरकतों की वजह से कोरोना का संक्रमण गांव-देहात में भी पहुंच गया है। आपने ये भी सोशल मीडिया में देखा होगा कि एक खास वर्ग और विचारधारा के लोग बार-बार ये कह रहे हैं कि वो चाहते हैं कि कोरोना वायरस भारत में फैल जाए और ऐसा वो कर के रहेंगे। बहरहाल, ये वो धर्म प्रचारक हैं जो खुद को अल्लाह का भक्त बताते हैं, ये वो धर्म प्रचारक हैं जो ईश्वर की औलादों को यानी की इंसानों को जानबूझकर नुकसान पहुंचा रहे हैं, अपनी मूखर्ता के जरिए। 

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