BKU में टूट पर बोले टिकैत- सरकार के इशारे पर हुआ सब कुछ, कोई असर नहीं पड़ेगा
नरेश टिकैत और राकेश टिकैत वाली भारतीय किसान यूनियन से जुड़े कई किसान नेताओं ने अलग होकर एक नया संगठन भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक बनाया है।
मोदी सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर के किसानों के विरोध का नेतृत्व करने वाले भारतीय किसान यूनियन के दो फाड़ हो गए हैं। । किसान आंदोलन और संगठन के संस्थापक अध्यक्ष महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर किसान संघ के भीतर कलह खुलकर सामने आई। नरेश टिकैत और राकेश टिकैत वाली भारतीय किसान यूनियन से जुड़े कई किसान नेताओं ने अलग होकर एक नया संगठन भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक बनाया है। संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश चौहान ने महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि के अवसर पर लखनऊ में भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) के गठन की घोषणा की है।’’ चौहान ने इस अवसर पर कहा, ‘‘मैंने समय-समय पर अपने दृष्टिकोण को सामने रखने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने (भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत और प्रवक्ता राकेश टिकैत) न तो कार्यकर्ताओं की बात सुनी और ना ही किसानों की समस्याओं पर ध्यान दिया। वह गलत संगत में पड़ गए और हमारा अपमान किया।
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बीकेयू (अराजनीतिक) के नेताओं ने आरोप लगाया कि वे कृषि कानूनों के विरोध और यूपी में हाल के विधानसभा चुनावों के दौरान टिकैत द्वारा दिए गए "राजनीतिक" बयानों से परेशान हैं। इस बीच, बीकेयू ने चौहान और छह अन्य पदाधिकारियों को संगठन विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया। नए संगठन के गठन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, बुलंदशहर में बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया, “जिन लोगों ने संगठन छोड़ा है, उन्होंने सरकार के इशारे पर ऐसा किया है। इससे हम पर कोई असर नहीं पड़ेगा और बीकेयू और मजबूत होगा। टिकैत ने "किसानों को विभाजित करने की कोशिश" के लिए केंद्र सरकार पर भी हमला किया। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इसे सरकार की शह पर की गयी कार्रवाई करार देते हुए दावा किया कि इससे संगठन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। टिकैत ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर किसानों को बांटने और कमजोर करने की कोशिश का आरोप भी लगाया।
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इससे पहले दिन में, नए संगठन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी, हरिनाम वर्मा ने बताया कि चौहान ने किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर लखनऊ में संगठन के गठन की घोषणा की। चौहान ने कहा, 'चौहान बीकेयू (ए) के प्रमुख होंगे।' यहां एक कार्यक्रम में चौहान ने आरोप लगाया कि उन्होंने समय-समय पर अपनी राय रखने की कोशिश की लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। भाकियू (अराजनीतिक) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी हरिनाम सिंह ने बताया, ‘‘’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने दिल से नरेश टिकैत और राकेश टिकैत का समर्थन किया लेकिन जब चुनाव (उत्तर प्रदेश के हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव) आए तो वह दोनों महेंद्र सिंह टिकैत के आदर्शों से भटक गए। वे राजनीतिक पचड़े में फंस गए और संगठन को राजनीतिक दलों के हाथों की कठपुतली बना दिया।’’
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