जम्मू कश्मीर में लागू संवैधानिक प्रावधानों के साथ छेड़छाड़ खतरनाक चलन: लोन

श्रीनगर। पीपुल्स कान्फ्रेंस अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने शनिवार को कहा कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक को जम्मू कश्मीर में लागू संवैधानिक प्रावधानों के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। लोन ने इसके साथ ही मलिक से ऐसा कोई भी निर्णय लेने से परहेज करने को कहा जिसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। लोन जम्मू कश्मीर की पूर्ववर्ती पीडीपी नीत राज्य सरकार में भाजपा के कोटे से एक मंत्री थे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल या राष्ट्रपति शासन सरकार के दिन प्रतिदिन के कार्यों के लिए एक अस्थायी उपाय है।
इसे भी पढ़ें: अदालत ने अलगाववादी नेता की जमानत अर्जी पर सुनवाई दो अप्रैल तक के लिए टाली
लोन ने कहा कि राज्यपाल से ऐसा कोई प्रमुख नीतिगत निर्णय लेने की अपेक्षा नहीं की जाती जो कि केवल एक निर्वाचित सरकार का विशेषाधिकार है। किसी भी तरह से राज्यपाल या राष्ट्रपति उन संवैधानिक प्रावधानों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते या नहीं करनी चाहिए जिससे जम्मू कश्मीर राज्य के केंद्र के साथ संवैधानिक संबंध स्थायी रूप से प्रभावित हों। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए लागू संवैधानिक प्रावधानों से राज्यपाल प्रशासन द्वारा छेड़छाड़ एक खतरनाक चलन है, जिसके केंद्र के साथ राज्य के संवैधानिक रिश्तों के संबंध में गंभीर प्रभाव होंगे।
इसे भी पढ़ें: पुलवामा आतंकी हमले पर कुछ दल देश के साथ नहीं दिखते: भाजपा
उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने हाल में न केवल संविधान के 103वां संशोधन कानून, 2019 को बल्कि संविधान के 77वें संशोधन कानून, 1995 को भी जम्मू कश्मीर में लागू करने की सिफारिश की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की सिफारिशों पर राष्ट्रपति ने कुछ दिन पहले इस संबंध में आदेश जारी किये।
Correction: Members of National Conference in Srinagar held protest march against the recent alleged attacks on Kashmiris #PulwamaTerrorAttack pic.twitter.com/aq54JvxbcD
— ANI (@ANI) February 23, 2019
अन्य न्यूज़