TMC नेता अनुब्रत मंडल को नहीं मिली राहत, पशु तस्करी मामले में CBI कोर्ट ने 14 दिन की हिरासत में भेजा

Anubrata Mondal
ANI
अंकित सिंह । Aug 24 2022 3:05PM

सीबीआई पशु तस्करी के एक मामले की जांच कर रही है, जिसके सिलसिले में उसने 11 अगस्त को मंडल समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था, तब से मंडल सीबीआई की हिरासत में हैं।

कथित पशु तस्करी मामले में फंसे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता अनुब्रत मंडल को फिलहाल राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। अनुब्रत मंडल को आज कोर्ट लाया गया था। एक बार फिर से उन्हें पशु तस्करी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने 14 दिन की जेल हिरासत में भेजा दिया है। पशु तस्करी मामले में अनुब्रत मंडल की CBI हिरासत आज समाप्त हो रही थी। आपको बता दें कि सीबीआई पशु तस्करी के एक मामले की जांच कर रही है, जिसके सिलसिले में उसने 11 अगस्त को मंडल समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था, तब से मंडल सीबीआई की हिरासत में हैं। 

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इससे पहले सीबीआई कोर्ट ने अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका शनिवार को खारिज कर दी और केंद्रीय एजेंसी के लिए उसकी हिरासत 24 अगस्त तक बढ़ा दी थी। मंडल को ‘‘बहुत शक्तिशाली और अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्ति’’ बताते हुए सीबीआई ने टीएमसी नेता की हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह ‘‘जमानत मिलने पर गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।’’ सीबीआई के वकील ने कहा कि 10 बार समन जारी होने के बावजूद मंडल का ‘शुरू से ही असहयोगी रवैया रहा है।’ वहीं मंडल के वकील ने उनकी ‘‘स्वास्थ्य स्थिति’’ का हवाला देते हुए जमानत का अनुरोध किया था। उनके वकील ने यह भी दावा किया कि सीबीआई के अधिकारियों को मिली सावधि जमा राशि में वह धन है जो मंडल को अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद जीवन बीमा योजनाओं से मिला था। 

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सीबीआई जज को मिला धमकी भरा पत्र

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता अनुब्रत मंडल के मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) अदालत के विशेष न्यायाधीश को एक पत्र मिला है, जिसमें मंडल को जल्द जमानत न दिए जाने की सूरत में उन्हें और उनके परिवार को ड्रग मामले में फंसाने की धमकी दी गई है। एक सूत्र ने मंगलवार को यह जानकारी दी। आसनसोल स्थित सीबीआई अदालत के न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ने पश्चिम बर्धमान जिले के जिला न्यायाधीश को पत्र लिखकर उनके समक्ष मौजूद ‘खतरे’ पर गौर फरमाने और इसे कलकत्ता उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार-न्यायिक सेवा (अपीलीय पक्ष) के संज्ञान में लाने का अनुरोध किया है।

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