गोवा में रेलवे की पटरियों के दोहरीकरण से पर्यावरण को नहीं होगा नुकसान: प्रमोद सावंत

Pramod Sawant

मुख्यमंत्री ने ‘गोवा मुक्ति दिवस’ के अवसर पर कहा कि गोवावासी हमेशा जीवन के प्रति खुशनुमा और सकारात्मक भाव रखते हैं। अंतिम सत्य यह है कि राज्य में नकारात्मक, विभाजनकारी और राष्ट्र विरोधी ताकतों के लिए कोई जगह नहीं है। यह कई बार साबित हो चुका है।

पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने रेलवे की पटरियों के दोहरीकरण की एक परियोजना पर व्याप्त संशय को दूर करने के प्रयास में शनिवार को कहा कि इस परियोजना के कार्यान्वयन से पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा। इसके साथ ही परियोजना का विरोध कर रहे लोगों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में नकारात्मक, विभाजनकारी और राष्ट्र विरोधी ताकतों के लिए कोई जगह नहीं है। मुख्यमंत्री ने ‘गोवा मुक्ति दिवस’ के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में यह कहा। इससे कुछ घंटे पहले, परियोजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों ने दक्षिण गोवा के एक गांव में एक रेलवे लाइन को अवरुद्ध किया। 

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सावंत ने कहा, “गोवावासी हमेशा जीवन के प्रति खुशनुमा और सकारात्मक भाव रखते हैं। अंतिम सत्य यह है कि राज्य में नकारात्मक, विभाजनकारी और राष्ट्र विरोधी ताकतों के लिए कोई जगह नहीं है। यह कई बार साबित हो चुका है।” उन्होंने कहा, “राज्य में विकास की परियोजना के कार्यान्वयन के दौरान मैं पर्यावरण को बचाने की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं।” इससे पहले दक्षिण पश्चिम रेलवे की रेल पटरी के दोहरीकरण की परियोजना के विरोध में कई प्रदर्शनकारियों ने शनिवार की तड़के अरोसिम गांव में रेलवे लाइन को अवरुद्ध किया।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य निजी कंपनियों को कोयले की ढुलाई के लिए सुविधा देना है। विरोध कर रहे लोगों के अनुसार सरकार राज्य को कोयले का ‘केंद्र’ बनाना चाहती है। कई गैर सरकारी संगठन और राजनीतिक दल परियोजना का विरोध कर रहे हैं क्योंकि इसके लिए भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान के पेड़ काटे जा रहे हैं ताकि कोयला कंपनियां कच्चे माल का परिवहन मुरगांव पत्तन न्यास से कर्नाटक स्थित अपने संयंत्र में कर सकें। पुलिस के अनुसार विरोध प्रदर्शन शुक्रवार आधी रात को शुरू हुआ और कुछ घंटे चला जिसके बाद पुलिस ने उन्हें समझा बुझाकर वापस भेज दिया। ‘गोयंक कोलोसो नाका’ नामक संगठन के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया गया। 

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अरोसिम गांव में रेलवे लाइन को अवरुद्ध करने वाले प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री से रेल पटरी के दोहरीकरण की परियोजना को बंद करने की मांग की। शेल्डन मोंटिरो नामक एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “यह शर्मनाक है कि गोवा मुक्ति दिवस की पूर्वसंध्या पर लोगों को रेल की पटरी पर बैठना पड़ रहा है ताकि राज्य को कोयला हब बनाने से बचाया जा सके।” एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “कई लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए शुक्रवार आधी रात से रेल की पटरी को अवरुद्ध किया। लेकिन हमने कुछ घंटों के भीतर प्रदर्शनकारियों को वहां से हटा दिया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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