आदिवासी मामलों और गृह मंत्रालय आरटीआई आवेदन खारिज करने में अग्रणी

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संसद के दोनों सदनों में पेश रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018..19 में आरटीआई के तहत 13.70 लाख आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 64,334 आवेदन खारिज कर दिये गए जो कुल आवेदन का 4.70 प्रतिशत है।

नयी दिल्ली। लोगों द्वारा सूचना प्राप्त करने के लिये आरटीआई के तहत दायर आवेदनों को खारिज करने में आदिवासी मामलों और गृह मंत्रालय के तहत आने वाले विभाग अग्रणी रहे हैं । संसद में पेश केंद्रीय सूचना आयोग की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

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संसद के दोनों सदनों में पेश रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018..19 में आरटीआई के तहत 13.70 लाख आवेदन प्राप्त हुए जिसमें से 64,334 आवेदन खारिज कर दिये गए जो कुल आवेदन का 4.70 प्रतिशत है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों को प्राप्त आवेदन की संख्या में पिछले वर्ष 1.36 लाख की वृद्धि दर्ज की गई जो वर्ष 2017..18 की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है। शुक्रवार को रिपोर्ट के हवाले से कार्मिक मंत्रालय के बयान के अनुसार, आदिवासी मामलों के मंत्रालय की ओर से 26.54 प्रतिशत आरटीआई आवेदन रद्द किये जाने की रिपोर्ट है जबकि गृह मंत्रालय की ओर से 16.41 प्रतिशत आवेदन रद्द करने की रिपोर्ट है। 

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