सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण पर काम जारी: सूत्र

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वित्त वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में सरकार ने साल के दौरान दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की मंशा जताने के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के रणनीतिक विनिवेश की नीति को मंजूरी दी थी। सूत्रों के अनुसार, सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण के लिए प्रतिबद्ध है और इस इस दिशा में काम जारी है।

नयी दिल्ली| सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों (पीएसबी) के निजीकरण पर काम जारी है और सरकार आने वाले महीनों में इस संबंध में उचित कदम उठा सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

वित्त वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में सरकार ने साल के दौरान दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की मंशा जताने के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के रणनीतिक विनिवेश की नीति को मंजूरी दी थी। सूत्रों के अनुसार, सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण के लिए प्रतिबद्ध है और इस इस दिशा में काम जारी है।

इसके अलावा सूत्रों ने यह भी कहा कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) का विनिवेश भी प्रक्रिया में है और इसके लिए नयी बोलियां आमंत्रित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक ही बोली लगाने वाला बचा था जिसके कारण सरकार को बिक्री की बोली रद्द करनी पड़ी थी।

सरकार ने बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई थी और मार्च, 2020 में बोलीदाताओं से रुचि पत्र मांगे थे। इसके लिए नवंबर, 2020 तक कम से कम तीन बोलियां आईं, लेकिन अन्यों के बोली वापस लेने के बाद केवल एक ही बोलीदाता बचा था।

कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकोर) की रणनीतिक बिक्री को लेकर सूत्रों ने कहा कि कुछ मुद्दे हैं और उनके समाधान के बाद विनिवेश की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, सार्वजानिक क्षेत्र के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक का निजीकरण किया जा सकता है।

विनिवेश की प्रक्रिया के तहत, कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों का मुख्य समूह वैकल्पिक तंत्र (एएम) को इसकी मंजूरी के लिए अपनी सिफारिश भेजेगा। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाला केंद्रीय मंत्रिमंडल इस पर अंतिम मुहर लगाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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