चुनावों का प्रथम चरण जीत चुका है यूडीएफ: ओमन चांडी

[email protected] । Apr 11 2016 4:55PM

केरल में कांग्रेस का मानना है कि चुनावों का पहला चरण वह जीत चुकी है क्योंकि माकपा ‘‘विपरीत परिणाम’’ के डर से इसकी शराब नीति को स्वीकार करने को ‘‘बाध्य’’ हो गई है।

तिरूवनंतपुरम। केरल में कांग्रेस का मानना है कि 16 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों का पहला चरण वह जीत चुकी है क्योंकि माकपा ‘‘विपरीत परिणाम’’ के डर से इसकी शराब नीति को स्वीकार करने को ‘‘बाध्य’’ हो गई है। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि अगर एलडीएफ सत्ता में आती है तो शराब नीति पर लिए गए निर्णय को पलटा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ओम्मन चांडी ने कहा कि राज्य में मार्क्‍सवादी पार्टी के लिए यह ‘‘झटका’’ है। शराब नीति पर विवाद माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य पिनयारी विजयन के इस बयान पर उठा कि मार्क्‍सवादी नीत मोर्चा पूरी तरह प्रतिबंध के पक्ष में नहीं है बल्कि वह परहेज करने के पक्ष में है।

बहरहाल विभिन्न पक्षों के हल्ला हंगामे के बाद येचुरी को हस्तक्षेप करते हुए स्पष्टीकरण देना पड़ा था कि अगर सत्ता में आए तो एलडीएफ शराब नीति पर केरल सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों में कोई बदलाव नहीं करेगा। कैथोलिक गिरिजाघर ने भी वाम मोर्चा से अपनी नीति स्पष्ट करने को कहा था। माकपा के स्पष्टीकरण के बारे में पूछने पर चांडी ने कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि ऐसी स्थिति बनी है कि उन्हें (माकपा) यूडीएफ के रूख का समर्थन करना पड़ा है। अगर यह गंभीर है तो मैं इसका स्वागत करता हूं। लेकिन यह माकपा के राज्य नेतृत्व के लिए करारा झटका है। यह हमारी नीति की बड़ी जीत है।’’ चांडी ने कहा, ‘‘माकपा नीत एलडीएफ शराब पर अपनी नीति बदलने को बाध्य हुआ है क्योंकि उसे चुनावों में विपरीत परिणाम का डर है।’’

चांडी ने आरोप लगाए कि शराब लॉबी के एक धड़े से हाथ मिलाकर माकपा ने सरकार पर हमला करने का ‘‘सबसे क्रूर हथकंडा’’ अपनाया था। उन्होंने हाल में सौर घोटाले की आरोपी सरिता एस. नायर द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों का जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यूडीएफ की नीति व्यावहारिक है और इसका उद्देश्य शराब के उपभोग को कम करना और दस वर्षों में इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना है।’’ नीति के तहत केरल सरकार ने 730 बारों पर प्रतिबंध लगा दिए थे और हर वर्ष राज्य सरकार का बेवरेज निगम दस फीसदी शराब की दुकानें बंद कर रहा था। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि पूर्ण प्रतिबंध लगाना व्यावहारिक नहीं है। राजस्व का नुकसान होना महत्वपूर्ण नहीं है। मैं शराब की बिक्री से सरकार को राजस्व नुकसान पर विचार नहीं कर रहा हूं। केरल को शराब की बिक्री से सात हजार करोड़ रूपये का राजस्व अर्जित हुआ है। बहरहाल यह केवल बही खाते में है। लेकिन शराब उपभोग से सामाजिक क्षेत्र को हुआ नुकसान जैसे आत्महत्या, स्वास्थ्य के मुद्दे, दुर्घटनाएं आदि राजस्व अर्जन से तीन से चार गुना ज्यादा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शराब के सेवन से सामाजिक क्षेत्र को हुआ नुकसान आकलन के दायरे से बाहर है। यह एकमात्र मुद्दा नहीं है जो पूर्ण प्रतिबंध का कारण है। जहरीली शराब की उपलब्धता भी एक मुद्दा है। जो लोग शराब के आदी हो गए हैं उन्हें सामान्य जीवन में वापस लाने के लिए हमें पर्याप्त समय की जरूरत है। इसके लिए हमें जागरूकता कार्यक्रम की जरूरत है।’’ सरिता के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले पर चांडी ने कहा कि यह सामान्य आरोप नहीं है जो उन्होंने लगाया है। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें फर्जी दस्तावेज लगाया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के लोग मुझे अच्छी तरह जानते हैं। मुझसे जुड़ी हर चीज पारदर्शी है। मेरे कार्यालय में 24 घंटे कैमरा लगा हुआ है और मेरे आवास के दरवाजे हर समय खुले रहते हैं। मुझे मालूम है कि लोग इन आरोपों पर विश्वास नहीं करेंगे।’’

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