UGC ने जारी की नई गाइडलाइंस, सितंबर के अंत तक होंगी फाइनल ईयर की परीक्षाएं
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से जारी संशोधित दिशा-निर्देशों के मुताबिक, सिंतबर में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं दे पाने में असमर्थ छात्रों को एक और मौका मिलेगा और विश्वविद्यालय जब उचित होगा तब विशेष परीक्षाएं आयोजित करेंगे।
विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं सितंबर के अंत तक आयोजित होंगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार को इस बारे में घोषणा की। कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर जुलाई के लिए निर्धारित कार्यक्रम को टाल दिया गया है। यूजीसी के इस फैसले और प्रेस नोट की जानकारी खुद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ने दी। इससे कुछ देर पहले ही भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने विश्वविद्यालय को परीक्षाएं कराने की अनुमति दी थी। यूजीसी के गाइडलाइंस के अनुसार विश्वविद्यालयों और शैक्षिक संस्थानों में स्नातक और परास्नातक की फाइनल ईयर की परीक्षाएं सितंबर 2020 तक आयोजित की जाएंगी। परीक्षाएं आयोजन करवाने को लेकर विश्वविद्यालय और संस्थानों के साथ-साथ छात्रों को भी कोरोनावायरस से बचाव के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइंस को भी पालन करना होगा।
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से जारी संशोधित दिशा-निर्देशों के मुताबिक, सिंतबर में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं दे पाने में असमर्थ छात्रों को एक और मौका मिलेगा और विश्वविद्यालय जब उचित होगा तब विशेष परीक्षाएं आयोजित करेंगे। मंत्रालय का यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से हरी झंडी दिए जाने के बाद आया है जिसमें उसने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तय मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत परीक्षाएं आयोजित करने की मंजूरी दी थी। इस घोषणा के बाद कोविड-19 हालात के मद्देनजर अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द होने की अटकलों पर विराम लग गया है।
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इससे पहले यह परीक्षाएं जुलाई में आयोजित होना तय की गई थीं। यूजीसी के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, विश्वविद्यालय अथवा संस्थान द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑनलाइन, ऑफलाइन या दोनों माध्यमों से सितंबर अंत तक आयोजित की जाएंगी। गाइडलाइंस को जारी करते हुए एचआरडी मंत्री निशंक ने कहा कि परीक्षाओं से संबंधित अपनी पहले की गाइडलाइंस को यूजीसी ने रिवाइज्ड किया है। काफी सलाह मशविरा के बाद ही छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए नई गाइडलाइंस को जारी की गई है। उन्होंने यह भी कहा सरकार किसी भी कीमत पर कोरोनावायरस का असर छात्रों के कैरियर पर नहीं पड़ने देना चाहती। हैं
आपको बता दें कि कोरोनावायरस संकट को देखते हुए यूजीसी ने अप्रैल 2020 में परीक्षाओं और नए अकादमिक सत्र को लेकर विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी। इसी समिति की सिफारिशों को आधार बनाकर यूजीसी ने 29 अप्रैल 2020 को विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं और एकेडमिक कैलेंडर को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे। हालांकि बाद में यूजीसी ने अपने गाइडलाइंस पर पुनर्विचार किया और दोबारा यह नई गाइडलाइंस आई है। अब देखना होगा कि कोरोना संक्रमण के कारण देश की प्रभावित शिक्षा व्यवस्था को किस तरीके से दुरुस्त किया जाता है। फिलहाल सरकार, शिक्षा बोर्ड और विश्वविद्यालयों के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती है।The UGC has revisited its earlier guidelines related to university examinations.
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 6, 2020
In view of the safety, career progression and placements of the students and their larger interests, after consulting @HMOIndia and @MoHFW_INDIA, it has been decided that pic.twitter.com/evKTYPwnIa
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