महाराष्ट्र मुद्दे पर संसद में हंगामा, दोनों सदनों की बैठक दिनभर के लिए स्थगित

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इडेन और प्रतापन ने बड़ा पोस्टर ले रखा था। नारेबाजी के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया और अनुसूचित जाति के लड़के-लड़कियों के छात्रावास विषय पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पूरक प्रश्न पूछने को कहा।

नयी दिल्ली। महाराष्ट्र मुद्दे पर कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर बाधित रही। हंगामे के कारण लोकसभा दो बार के स्थगन के बाद वहीं राज्यसभा एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। सुबह लोकसभा की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस सदस्यों के हंगामे और और पार्टी के दो सदस्यों हिबी इडेन एवं टी एन प्रतापन और मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की के बाद कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। 

बैठक आरंभ होने के साथ ही कांग्रेस सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। इडेन और प्रतापन ने बड़ा पोस्टर ले रखा था। नारेबाजी के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया और अनुसूचित जाति के लड़के-लड़कियों के छात्रावास विषय पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पूरक प्रश्न पूछने को कहा। गांधी ने सवाल पूछने से इनकार करते हुए कहा, ‘‘महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है, ऐसे में मेरे सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है।’’ इसी बीच बिरला ने पोस्टर लहरा रहे इडेन और प्रतापन को ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी।  स्पीकर ने मार्शलों को दोनों कांग्रेस सदस्यों को सदन से बाहर करने का आदेश दिया। हालांकि इडेन, प्रतापन और अन्य कांग्रेस सदस्यों तथा मार्शलों के बीच धक्कामुक्की हो गयी। हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष ने बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक पुन: आरंभ होते ही पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे कार्यवाही शुरू होने पर भी सदन में हंगामा जारी रहा। हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कराधान विधि संशोधन विधेयक 2019 सहित दो विधेयक पेश किया। पोत परिवहन मंत्री मनसुख एल मांडविया ने पोत पुनर्चक्रण विधेयक 2019 पेश किया। 

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गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक पेश किया। इस विधेयक में किसी पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार को एसपीजी सुरक्षा के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव किया गया है। इसके बाद पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने दोपहर दो बजकर करीब 10 मिनट पर बैठक दिनभर के लिये स्थगित कर दी। उधर इस मुद्दे पर कांग्रेस के नेतृत्व में विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत उन्हें कई सदस्यों की ओर से कार्यस्थगन नोटिस मिले हैं।सभापति ने कहा कि महाराष्ट्र मुद्दा अदालत में विचाराधीन है। इसके अलावा, उच्च पद पर आसीन किसी व्यक्ति के आचरण पर समुचित नोटिस के बिना चर्चा नहीं की जा सकती। नायडू ने कहा कि इन वजहों के चलते उन्होंने सदस्यों के नोटिस स्वीकार नहीं किए। सभापति ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने के बारे में या राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के बारे में नोटिस दिए जाने पर सदन में चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई नोटिस विचाराधीन नहीं है। इसके बाद विपक्षी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक एवं वाम सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। इसी दौरान कांग्रेस के सदस्य अपने स्थानों से आगे आए, हालांकि वे आसन के समक्ष नहीं गए। सभापति ने सदन में व्यवस्था बनाने की अपील की और अपनी बात का असर नहीं होते देख उन्होंने 11 बज कर करीब दस मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर भी सदन में वही नजारा दिखा।

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हंगामे के बीच ही वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सदन की अनुमति से अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण, 2019 विधेयक वापस ले लिया।इसके बाद उपसभापति हरिवंश ने उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 पर आगे चर्चा करने को कहा। लेकिन कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल, वाम सदस्य महाराष्ट्र मुद्दे पर जोर देते रहे। हंगामे के बीच उपसभापति ने सुबह सभापति नायडू द्वारा दी गयी व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने इस संबंध में स्पष्ट रूप से कहा है कि इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की जा सकती। विपक्षी सदस्य इससे सहमत नहीं हुए और उनका हंगामा जारी रहा। इस पर उपसभापति ने दो बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले कांग्रेस सांसदों ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने महाराष्ट्र मुद्दे पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। इस बीच भाजपा ने लोकसभा में हंगामा करने वाले कांग्रेस सांसदों के आचरण की आलोचना करते हुए कहा कि सभी दलों को संसद की पवित्रता और महान परंपरा को बनाने रखने के लिये साथ आना चाहिए। विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत में लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों के व्यवहार की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘महाराष्ट्र में भाजपा ने नहीं बल्कि कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की।’’लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि हंगामे के दौरान मार्शलों ने पार्टी की दो महिला सांसदों के साथ ‘‘धक्कामुक्की’’ की। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यपाल ने शनिवार की सुबह भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी। 

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