उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें: लोगों की परेशानियों को दूर करने के फील्ड में उतरे मंत्री ब्रजेश पाठक, जर्जर सड़कों का निरीक्षण किया

Minister Brajesh Pathak

कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के बाद विधायी एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए शुक्रवार को सड़क पर उतरे। उन्होंने राजधानी की जर्जर सड़कों का निरीक्षण किया। सड़कों की हालत से परेशान लोगों से बातचीत की और जल्द से जल्द उन्हें समस्या के समाधान का आश्वासन दिया।

राजधानी में जर्जर सड़कों की समस्या को दुरुस्त करने खुद सड़क पर उतरे विधायी एवं न्याय मंत्री। अफसरों के साथ शहर की खराब सड़कों का ब्रजेश पाठक ने किया निरीक्षण। 15 जुलाई तक सड़कों की हालत सुधारने के अफसरों को दिए निर्देश। मंत्री की हिदायत स्मार्ट सिटी के तहत बन रहे सीवरेज योजना से बरसात में जनता को न हो परेशानी इसका रखा जाए ध्यान। 

जल निगम के अधिकारी समय पर पूरा करें स्मार्ट सिटी सीवरेज 

कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के बाद विधायी एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए शुक्रवार को सड़क पर उतरे। उन्होंने राजधानी की जर्जर सड़कों का निरीक्षण किया। सड़कों की हालत से परेशान लोगों से बातचीत की और जल्द से जल्द उन्हें समस्या के समाधान का आश्वासन दिया। जर्जर सड़क और जनता के लिए परेशानी बने गड्ढे देख कानून मंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने अफसरों को 15 जुलाई तक खराब सड़कों की स्थिति सुधारने के निर्देश दिये। विधायी एवं न्याय मंत्री ने एलडीए, नगर निगम, जल निगम के अधिकारियों से सख्त लहजे में कहा कि सड़क निर्माण में बरती गई लापरवाही बिलकुल बर्दाशत नहीं की जाएगी। बरसात में लोगों को समस्या न हो इसके लिये उन्होंने अधिकारियों को तत्काल गड्ढों को भरने और जर्जर हो चुकी सड़कों का पैच वर्क जल्द पूरा कराने के भी निर्देश दिये। इससे पहले सुबह निरीक्षण पर निकले कानून मंत्री को प्रमुख क्षेत्रों में सड़क पर गड्ढे दिखाई दिये। उनके साथ एलडीए, नगर निगम, जल निगम के अधिकारी भी मौजूद रहे। कैसरबाग, लालबाग, अमीनाबाद, वजीरगंज, हजरतगंज और हुसैनगंज समेत विभन्न स्थलों पर उनको सड़क पर गड़ढे नजर आए।

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स्मार्ट सिटी सीवरेज योजना के तहत लखनऊ के कैसरबाग, लालबाग, अमीनाबाद, वजीरगंज, हजरतगंज आदि पुराने लखनऊ के क्षेत्रों में चल रहे कार्यों को उन्होंने समय पर पूरा किये जाने के निर्देश दिये। 208 करोड़ के प्रोजेक्ट से निर्मित हो रही योजना से 1 लाख 92 हजार 740 की आबादी को सीवर लाइन पड़ जाने से फायदा मिलने वाला है। जिसका कई दशकों से लखनऊ की जनता को इंतजार था। अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि योजना का 63 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और दिसम्बर 2021 तक काम पूरा करने का लक्ष्य है। कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने संबंधित जल निगम के अधिकारियों को समय से काम पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने जल निगम के अधिकारियों से कहा कि बरसात का मौसम शुरू होने वाला है ऐसे में निर्माण कार्य के दौरान जनता को समस्या नहीं आनी चाहिये इसका भी ध्यान रखा जाए। निरीक्षण में नगर आयुक्त अजय द्विवेदी, जल निगम महाप्रबंधक आरके अग्रवाल, जल निगम के अधिशासी अभियंता पीयूष मौर्या, जल निगम के परियोजना प्रबंधक रोहित गुप्ता, जल निगम के सहायक अभियंता हरेन्द्र सिंह, जल निगम के अवर अभियंता मुनीश अली, जल निगम के अवर अभियान मलखान सिंह मौजूद रहे।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी प्रत्येक सप्ताह गोआश्रय स्थलों का निरीक्षण करें

उत्तर प्रदेश के पशुधन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चैधरी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को प्रत्येक सप्ताह गोआश्रय स्थलों का निरीक्षण करने तथा वर्षा ऋतु में होने वाले संक्रामक रोगों जैसे गला-घोटू आदि से बचाव हेतु टीकाकरण कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि गोवंश के भरण-पोषण हेतु समुचित भूसे, हरे चारे एवं औषधि का प्रबंध सुनिश्चित किया जाय ताकि गोवंश की चारे अथवा चिकित्सा के अभाव में मृत्यु न हो। जनपदों में दान से भूसा एवं हरा चारा प्राप्ति हेतु जनजागरूकता लाई जाए तथा गोशालाओं के पंजीकरण में प्रचलित व्यवस्था में कतिपय शिथिलीकरण भी किया जाय। किसी भी दशा में गोवंश सड़क पर न पाए जाएं इस हेतु अभियान चला कर कार्यवाही की जाय। पशुधन मंत्री ने आज यहां विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में आगामी वर्षा ऋतु के दृष्टिगत प्रदेश में निराश्रित/बेसहारा गोवंश की सुरक्षा हेतु स्थापित एवं संचालित गो-आश्रय स्थलों की अद्यतन स्थिति एवं भावी तैयारियों के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में समुचित दिशा निर्देश दिए गए। उन्होंनें कहा कि गोशालाओं में निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु भी जनपद स्तर पर कार्य योजना विकसित की जाय और नदी के आसपास के राजकीय भूमि में काऊ सफारी बनाया जाय, जिसमे गोवंश को धूप एवं वर्षा से बचाव हेतु समुचित व्यवस्था कराई जाए। पशु चिकित्साधिकारी द्वारा अपने क्षेत्र में आकस्मिकता के अतिरिक्त प्रत्येक दिन एक गोआश्रय स्थल का विधिवत निरीक्षण किया जाय। श्री चैधरी ने कहा कि प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर गो आश्रय स्थल की स्थापना हेतु तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। साथ ही प्रदेश में निराश्रित/बेसहारा गोवंश जो अभी खेतों में या सड़क पर घूम रहे हैं उन्हें तत्काल नजदीक के गोआश्रय स्थल या न्याय पंचायत में गोआश्रय स्थल की स्थापना कर संरक्षित किये जाने हेतु जिलाधिकारियों को शासन स्तर से निर्देश जारी कराया जाय एवं प्रभावी अनुश्रवण भी सुनिश्चित कराया जाए।

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पशुधन मंत्री ने कहा कि ग्राम स्तर पर गोवंश को छुट्टा न छोड़ने हेतु ग्राम पंचायतों की बैठक के साथ अन्य ग्राम स्तरीय बैठकों के एजेंडा में मुख्य एजेंडा बिंदु में सम्मिलित किया जाय। वृहद गो संरक्षण केंद्र की बाउंड्री की व्यवस्था हेतु प्रयास किये जाये। गोसेवा आयोग द्वारा प्रदेश में क्रियाशील पंजीकृत गोशालाओं के संरक्षित गोवंश के सापेक्ष दिए जाने वाले अनुदान के हस्तांतरण हेतु प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए। समस्त गोआश्रय स्थलों पर प्रकाश की व्यवस्था हेतु संबंधित विभाग को कार्यवाही हेतु शासन स्तर से पत्र निर्गत कराया जाय। गोशालाओं को स्वावलंबी बनाने, वायवल करने हेतु कार्ययोजना विकसित कर कार्य क्रियान्वयन सुनिश्चित कराई जाए। बैठक में उपस्थित प्रमुख सचिव पशुधन, सुधीर गर्ग ने पशुधन मंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश में 5276 गोआश्रय स्थलों में 5.76 लाख गोवंश संरक्षित हैं। उन्होंनें अवगत कराया कि मा0 मुख्यमंत्री जी निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना अंतर्गत 87991 गोवंश 45173 पशुपालकों को सुपुर्दगी में दिए गए हैं। पोषण मिशन अंतर्गत 1674 गोवंश भी सुपुर्दगी में दी गयी हैं। बैठक में विशेष सचिव, पशुधन मंजुलता, निदेशक प्रशासन, निदेशक, रोग नियंत्रण, डॉ0एस0के0 मलिक,, अपर निदेशक डॉ अरविंद कुमार सिंह एवं संयुक्त निदेशक, डॉ विद्याभूषण सिंह, गोशाला द्वारा भी प्रतिभाग किया गया।

यमुना नदी को अविरल एवं निर्मल बनाने के लिए नमामि गंगे की तर्ज पर एसटीपी बनाकर नालों को जोड़ा जायेगा

उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन में बाढ़ से बचाव के लिए ऐतिहासिक कार्य हुआ है। मुख्यमंत्री जी द्वारा बाढ़ कार्यों के लिए समय से धनराशि स्वीकृत करने के फलस्वरूप गत वर्ष प्रदेश में जनधन की हानि को कम से कम करने सफलता मिली। इस वर्ष भी बाढ़ निरोधक कार्यों को मानसून से पूर्व पूरा कराये जाने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समय रहते कार्यों को पूरा कराये जाने की जनता एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा सराहना की जा रही है। जलशक्ति मंत्री आज जनपद मथुरा में ब्रम्हर्षि देवरहा बाबा घाट पर सिंचाई विभाग द्वारा सीट फाइलिंग कार्य तथा बाढ़ निरोधक सुरक्षा कार्यों का निरीक्षण कर रहे थे। उन्होंने इस मौके से मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए बाढ़ कार्यों के लिए माह जनवरी में ही आवश्यक धनराशि स्वीकृत की थी, जिसके कारण बाढ़ संबंधी परियोजनाओं पर समय से कार्य शुरू कराकर पूरा कराने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि पूर्व में बाढ़ कार्यों के लिए अप्रैल के महीने में धनराशि दी जाती थी और टेन्डर आदि की प्रक्रिया पूरी कराते-कराते बरसात का मौसम आ जाता था। इसलिए कोई कार्य समय से पूरा नहीं हो पाता था। मुख्यमंत्री जी ने सारे नियम एवं कानून में परिवर्तन करते हुए जनवरी माह में ही धनराशि अवमुक्त कराने की ऐतिहासिक फैसला लिया। समय से धनराशि प्राप्त होने के कारण मंदिर के पास के कटान के कार्य को समय से पूरा करा लिया गया। डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि गत वर्ष बाढ़ से बचाव के लिए ऐतिहासिक कार्य कराया गया था, जिसकी जनता और जनप्रतिनिधियों को द्वारा सराहना की जा रही है। इस बार पूरे जोर-शोर से बाबा के आश्रम को बचाने के लिए कार्य किया जा रहा है। यह कार्य 20-25 दिन में पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि विभागीय अभियन्ताओं को निर्माण कार्य पूरे गुणवत्ता के साथ कराये जाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही को गम्भीरता से लेते हुए कठोर कार्यवाही की जायेगी।

जलशक्ति मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार बाढ़ से बचाव के लिए संवेदनशील जनपदों में तेजी से कार्य कराया जा रहा है। वर्ष 2014-15 में 15 लाख हेक्टेयर जमीन बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई थी। वर्ष 2019-20 में यह घटकर 12025 हे0 पर आ गई और गत वर्ष 2020-21 में 6886 हे0 अर्थात 15 लाख हे0 से घटकर 6000 पर आ गई। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 42 जिले बाढ़ से प्रभावित होते हैं। सभी जनपदों में समय से ऐतिहासिक कार्य हुआ है। डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी का निर्देश है कि बाढ़ से प्रदेश में जनधन की हानि न हो। इसी को दृष्टिगत रखते हुए सभी संवेदनशील जनपदों में बाढ़ निरोधक कार्य कराये जा रहे हैं। वृन्दावन के डूब क्षेत्र में अवैध कब्जा करके कालोनी विकसित किये जाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वृन्दावन में यदि कोई अवैध कब्जा किए जाने की शिकायत मिलेगी, उस पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री जी का संकल्प है कि मथुरा/वृन्दावन धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थली का चतुर्दिक विकास किया जाए। संत समाज की इच्छा है कि यमुना निर्मल एवं अविरल हो, इसलिए इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। नमामि गंगे की तरह नालों को एसटीपी से जोड़कर यमुना में गंदा पानी को रोका जायेगा और पवित्र यमुना को स्वच्छ एवं निर्मल बनाया जायेगा।

प्रदेश में अब तक 49.86 लाख मीट्रिक टन हुई गेहूँ खरीद

रबी खरीद वर्ष 2020-21 के तहत प्रदेश में स्थापित 5678 गेहूँ क्रय केन्द्रों के माध्यम से, अब तक 4986794.50 मीट्रिक टन गेहूँ की खरीद की गयी है। इसके एवज में 1114697 किसानों को लाभान्वित करते हुए, उनके खातों में 8164.809 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। खाद्य एवं रसद विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार आज 101428.25 मीट्रिक टन गेहूँ की खरीद हुई है। गेहूँ खरीद केन्द्रों पर किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका पूरा-पूरा ध्यान रखते हुए खरीद की जा रही है।

जनपद बलरामपुर में राप्ती नदी के बायें क्षतिग्रस्त तटबन्ध के पुर्ननिर्माण की परियोजना हेतु 75 लाख 99 हजार रुपये की धनराशि अवमुक्त

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद बलरामपुर में राप्ती नदी के बायें तटबन्ध पर स्थित करमहना तटबन्ध के रामपुर ग्राम के समीप क्षतिग्रस्त तटबन्ध के पुर्ननिर्माण परियोजना हेतु 75 लाख 99 हजार रुपये की धनराशि अवमुक्त करते हुए प्रमुख अभियन्ता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उ0प्र0, लखनऊ के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा विगत 25 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि परियोजना का कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति अवश्य प्राप्त कर ली जाए। इसके अलावा स्वीकृति धनराशि का उपयोग सिर्फ स्वीकृति कार्य पर ही किया जाए। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता की स्थिति में इसका समस्त उत्तरदायित्व प्रमुख अभियन्ता सिंचाई/संबंधित अधिकारियों का होगा। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ निर्धारित अवधि में पूरा कराया जाए। इसके साथ ही वित्त विभाग एवं शासन द्वारा समय-समय पर जारी व्यय संबंधी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा शासनादेश में दी गई शर्तों का कड़ाई से अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाए।

जनपद बलरामपुर में राप्ती नदी के बायें क्षतिग्रस्त तटबन्ध की मरम्मत की परियोजनाएवं बाढ़ सुरक्षा कार्यों हेतु95 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद बलरामपुर में राप्ती नदी के बायें तटबन्ध पर चरनगहिया तटबन्ध के मध्य स्पर की मरम्मत सहित बाढ़ सुरक्षा कार्य की परियोजना हेतु 95 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त करते हुए प्रमुख अभियन्ता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उ0प्र0, लखनऊ के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा विगत 25 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि परियोजना का कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति अवश्य प्राप्त कर ली जाए। इसके अलावा स्वीकृति धनराशि का उपयोग सिर्फ स्वीकृति कार्य पर ही किया जाए। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता की स्थिति में इसका समस्त उत्तरदायित्व प्रमुख अभियन्ता सिंचाई/संबंधित अधिकारियों का होगा। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ निर्धारित अवधि में पूरा कराया जाए। इसके साथ ही वित्त विभाग एवं शासन द्वारा समय-समय पर जारी व्यय संबंधी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा शासनादेश में दी गई शर्तों का कड़ाई से अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाए।

जनपद सिद्धार्थनगर में बूढ़ी नदी के दायें तट पर डबल बैरल रेगुलेटर के निर्माण परियोजना हेतु49 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद सिद्धार्थनगर में बूढ़ी राप्ती नदी के दायें तटबन्ध पर स्थित मदरहवा-अशोगवा बाँध पर डबल बैरल रेगुलेटर के निर्माण की परियोजना हेतु 49 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त करते हुए प्रमुख अभियन्ता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उ0प्र0, लखनऊ के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा विगत 25 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि परियोजना का कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति अवश्य प्राप्त कर ली जाए। इसके अलावा स्वीकृति धनराशि का उपयोग सिर्फ स्वीकृति कार्य पर ही किया जाए। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता की स्थिति में इसका समस्त उत्तरदायित्व प्रमुख अभियन्ता सिंचाई/संबंधित अधिकारियों का होगा। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ निर्धारित अवधि में पूरा कराया जाए। इसके साथ ही वित्त विभाग एवं शासन द्वारा समय-समय पर जारी व्यय संबंधी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा शासनादेश में दी गई शर्तों का कड़ाई से अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाए।

जनपद सिद्धार्थनगर में राप्ती नदी के दायें तट पर डबल बैरल रेगुलेटर निर्माण की परियोजना हेतु 47 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जनपद सिद्धार्थनगर में राप्ती नदी के दायें तट पर स्थित बांसी-पनघटिया बाँध पर डबल बैरल रेगुलेटर के निर्माण की परियोजना हेतु 47 लाख रुपये की धनराशि अवमुक्त करते हुए प्रमुख अभियन्ता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उ0प्र0, लखनऊ के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा विगत 25 मई, 2021 को आवश्यक शासनादेश जारी करते हुए निर्देशित किया गया है कि परियोजना का कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व परियोजना पर सक्षम स्तर से तकनीकी स्वीकृति अवश्य प्राप्त कर ली जाए। इसके अलावा स्वीकृति धनराशि का उपयोग सिर्फ स्वीकृति कार्य पर ही किया जाए। ऐसा न किये जाने पर किसी प्रकार की अनियमितता की स्थिति में इसका समस्त उत्तरदायित्व प्रमुख अभियन्ता सिंचाई/संबंधित अधिकारियों का होगा। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ निर्धारित अवधि में पूरा कराया जाए। इसके साथ ही वित्त विभाग एवं शासन द्वारा समय-समय पर जारी व्यय संबंधी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा शासनादेश में दी गई शर्तों का कड़ाई से अनुपालन अनिवार्य रूप से किया जाए।

व्यवासायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने रामप्रसाद बिस्मिल जी की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

प्रदेश के व्यवासायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने आज अपने प्रभार जनपद शाहजहांपुर में क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल जी की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर की ऐतिहासिक धरती पर जन्मे राम प्रसाद बिस्मिल जी भारत मां के वो सच्चे सपूत थे। जिन्होंने ऐतिहासिक काकोरी कांड को अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था।

सिद्धार्थनगर जिला सदियों से कालानमक चावल के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन कालानमक चावल की खुबियों से देश-दुनिया योगी सरकार में परिचित हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने उद्देश्य से शुरू की गई एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के अन्तर्गत सिद्धार्थनगर के कालानमक चावल को ओडीओपी उत्पाद के रूप में मान्यता दी गई। इससे सिद्धार्थनगर के किसानों का जीवन ही बदल गया। ओडीओपी योजना से कालानमक चावल को जहां एक तरफ वैश्विक स्तर पर पहचान मिलने लगी, वहीं दूसरी ओर मात्र एक वर्ष में कालानमक चावल का उत्पादन लगभग दोगुना क्षेत्र में किया जाना शुरू हुआ। कालानमक चावल के उत्पादन, प्रसंस्करण, पैकेजिंग और ब्रांडिंग को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2019 में ओडीओपी क्लस्टर विकास कार्यक्रम के कार्यान्वयन के बाद चावल का उत्पादन क्षेत्र 2805 हेक्टेयर से बढ़कर 5,000 हेक्टेयर हो गया। इस वर्ष 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कालानमक चावल के पैदावार की प्रबल संभावना है।

अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम, निवेश एवं निर्यात प्रोत्साहन डा0 नवनीत सहगल बताते हैं कि बाजार संवर्धन कार्यक्रम के तहत कालानमक चावल के प्रचार-प्रसार, विपणन और ब्रांडिंग के लिए एमएसएमई विभाग और निर्यात संवर्धन के सहयोग से मार्च 2021 में सिद्धार्थ नगर में तीन दिवसीय कलानमक महोत्सव का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य जिले केे अधिक से अधिक किसानों और व्यापारियों को एक मंच पर लाकर कालानमक चावल के ऐतिहासिक परिदृश्य तथा पोषण संबंधी जागरूकता फैलाना था। इसमें काफी हद तक सफलता भी हासिल हुई। इस आयोजन में प्रगतिशील किसानों, एफपीओ और एसपीवी को कालानमक चावल की सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों और प्रसंस्करण से संबंधित जानकारी भी प्रदान की गई।

 इस वर्ष 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कालानमक चावल की होगी खेती

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इन प्रयासों के फलस्वरूप किसानों और एफपीओ को कालानमक महोत्सव में ग्राहकों से ऑर्डर मिलने लगे, लेकिन उत्पाद की आपूर्ति अभी भी कई किसानों के लिए एक चुनौती थी और इसका भी समाधान बेहतर ढंग सुनिश्चित किया गया। रसद की समस्या को दूर करने के लिए एफपीओ और किसानों को घरेलू बाजार ही बल्कि पूरे भारत में संगठित आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से अपने उत्पाद को बेचने की सुविधा प्रदान की गई। इसके लिए ख्याति प्राप्त आॅनलाइन मार्केटिंग कंपनी अमेजॅन और फ्लिपकार्ट से समझौता किया गया। साथ ही इन प्लेटाफर्म पर किसानों को कालानमक चावल की खूबियों के साथ आकर्षक रूप में प्रस्तुत करने के लिए हैंडहोल्डिंग दी गई। इसके अलावा एफपीओ को ई-कॉमर्स पोर्टल पर आधार/पैन/जीएसटी की ऑनबोर्डिंग के लिए अनिवार्य दस्तावेजों को पूरा करने में पूरा सहयोग किया।

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ओडीओपी मार्केटिंग टीम और कालानमक क्लस्टर के जिला समन्वयक ने फ्लिपकार्ट से सिद्धार्थनगर एफपीओ और किसानों को फ्लिपकार्ट समर्थ पर ऑनबोर्ड करने के लिए संपर्क किया। फ्लिपकार्ट ने चार एफपीओ के नमूनों का अपनी प्रयोगशाला परीक्षण कराया, जिसमें से एक एफपीओ गुणवत्ता परीक्षण पास करने में सफल रही। इसके पश्चात अनुमोदित एफपीओ कपिलवस्तु किसान निर्माता कंपनी लिमिटेड को फ्लिपकार्ट पर 250 किलोग्राम कालानमक चावल 175 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीद का आर्डर भी मिला। शेष अन्य एफपीओ के नमूनो को फिर से टेस्ट के लिए प्रयोगशाला में भेजने की कार्यवाही की जा रही है। निश्चित ही इस उपलब्धि से एफपीओ के सभी 300 सदस्य देश भर में अपने उत्पाद को बेचने और अपनी आय को दोगुना करने सफल होंगे।

सिंचाई विभाग के 36 नवप्रोन्नत सहायक अभियन्ताओं (यांत्रिक) की तैनाती के आदेश जारी

प्रदेश के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अंतर्गत (सिंचाई यांत्रिक) के नवप्रोन्नत 36 सहायक अभियन्ताओं को खण्डों/उपखण्डों में तैनाती प्रदान करने के आदेश विशेष सचिव सिंचाई भूपेन्द्र एस0 चैधरी की ओर से 10 जून, 2021 को जारी करते हुए अभियन्ताओं को अपने-अपने तैनाती स्थल पर तत्काल कार्यभार ग्रहण करने निर्देश दिए गए हैं।

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