केदारनाथ त्रासदी के बाद उत्तराखंड में फिर सैलाब, भारतीय सेना बचाव कार्य में जुटी

Air Force
रेनू तिवारी । Feb 7 2021 2:33PM

उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है। बाढ़ से ऋषिगंगा पर बनी एक बिजली परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है। बाढ़ से चमोली जिले के निचले इलाकों में खतरा देखते हुए राज्य आपदा प्रतिवादन बल और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और लोगों से अपील की जा रही है कि वे गंगा नदी के किनारे पर न जाएं। हिमखंड टूटने की घटना पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन और चमोली की जिलाधिकारी से पूरी जानकारी प्राप्त की।

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डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने कहा बिजली परियोजना के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया है कि वे परियोजना स्थल पर अपने लगभग 150 श्रमिकों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। ज़िला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों के लिए देहरादून में तैनात दो एमआई -17 और वायु सेना के एक एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टर सहित तीन हेलिकॉप्टर भेजे गये हैं। 

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उत्तराखंड बचाव कार्यों के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय वायुसेना की संपत्ति, दोनों फिक्स्ड विंग और रोटरी स्टैंडबाय पर हैं। भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना के छह स्तंभ (लगभग 600 कर्मी) बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की ओर बढ़ रहे हैं। भारतीय वायु सेना और सेना ने बाढ़ से निपटने के लिए राज्य सरकार और एनडीआरएफ की टीमों का समर्थन करने के लिए अपने हेलिकॉप्टरों और सैनिकों को तैनात किया। भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कि ऋषिकेश के पास रायवाला में सैन्य स्टेशन स्थानीय प्रशासन द्वारा बचाव और राहत कार्यों के समन्वय में सक्रिय रूप से शामिल है। सेना मुख्यालय भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

ये हादसा चमोली के रैणी गांव के पास हुआ। ग्लेशियर टूटने से उत्तराखंड में भारी तबाही का अनुमान लगाया जा रहा है। ग्लेशियर का प्रभाव काफी प्रकोप है वह लगातार तेजी से बह रहा है। प्रसाशन की टीम सुरक्षा कार्यों के लिए रवाना हो गयी है। इस तबाही के कारण ऋषि गंगा प्रोजेक्ट को भी बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। ऋषि गंगा बिजली परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक मजदूर सीधे प्रभावित हो सकते हैं, समाचार एजेंसी पीटीआई ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल के हवाले से बताया है।  

गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ ही उत्तराखंड के हालात का जायजा लेने के लिए आईटीबीपी के डीजी एसएस देसवाल से बात की है। गृह मंत्री ने एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान और आपदा प्रबंधन अधिकारियों से भी बात की।आईटीबीपी के सूत्रों का कहना है स्थिति सामान्य हो रही है। सूत्रों ने कहा है कि जल प्रवाह नियंत्रित होने के साथ स्थिति सामान्य हो रही है। सूत्रों ने कहा, ऋषिगंगा बांध टूटने के कारण पानी खत्म हो गया। आईटीबीपी की टीमें मौके पर हैं।

आपको बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले में धौली गंगा, जोशीमठ नदी में बड़े पैमाने पर बाढ़ के कारण रविवार को क्षेत्र में एक ग्लेशियर के टूटने की सूचना मिली। तपोवन क्षेत्र में ऋषिगंगा बिजली परियोजना को भी भारी बाढ़ ने नुकसान पहुंचाया है।

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