Uttarakhand Dairy Scam: तिरुपति तिरुमला को 68 लाख किग्रा नकली घी सप्लाई, 250 करोड़ का मामला

Uttarakhand Dairy Scam
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ANI
Ankit Jaiswal । Nov 10 2025 11:05PM

उत्तराखंड डेयरी घोटाला: सीबीआई ने उजागर किया है कि भोल बाबा ऑर्गेनिक डेयरी ने 2019-2024 तक तिरुपति तिरुमला को 250 करोड़ रुपये का 68 लाख किलोग्राम नकली घी सप्लाई किया, जिसमें रासायनिक सामग्री और पशु वसा मिलाई गई थी। यह गंभीर धोखाधड़ी धार्मिक प्रसाद की पवित्रता और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ है, जो खाद्य सुरक्षा और धार्मिक आपूर्ति श्रृंखला में कड़ी निगरानी की आवश्यकता को दर्शाता है।

उत्तराखंड स्थित एक डेयरी फर्म द्वारा तिरुपति तिरुमला देवस्थानम को पांच सालों के दौरान 68 लाख किलोग्राम नकली घी सप्लाई किए जाने का मामला सामने आया है। सीबीआई की जांच में यह खुलासा हुआ है कि 2019 से 2024 तक इस घी की कीमत लगभग 250 करोड़ रुपये थी। बता दें कि तिरुपति तिरुमला, आंध्र प्रदेश में तिरुपति मंदिर का संचालन करता है।

मौजूद जानकारी के अनुसार, विशेष जांच टीम (SIT) ने यह विवरण तब इकट्ठा किया जब आरोपी अजय कुमार सुगंध को गिरफ्तार किया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि सुगंध ने भोल बाबा ऑर्गेनिक डेयरी को मोनोडाइजेलिसर और एसिटिक एसिड एस्टर जैसी रासायनिक सामग्री सप्लाई की थी, जिसका उपयोग मंदिर के लड्डू प्रसाद में किया गया।

गौरतलब है कि भोल बाबा ऑर्गेनिक डेयरी के प्रमोटर पोमिल जैन और विपिन जैन ने नकली देसी घी उत्पादन यूनिट स्थापित की थी और दूध की खरीद और भुगतान के दस्तावेज़ों को भी फर्जी बनाया था। 2022 में डेयरी को तिरुपति तिरुमला को घी सप्लाई करने से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया, लेकिन इसके बावजूद डेयरी ने अन्य डेयरी के माध्यम से ठगी जारी रखी। इसमें तिरुपति की व्यष्णवी डेयरी, उत्तर प्रदेश की माल गंगा और तमिलनाडु की एआर डेयरी फूड्स शामिल थीं।

सीबीआई जांच में यह भी सामने आया कि एआर डेयरी के माध्यम से चार कंटेनर घी, जिसमें पशु वसा मिलाई गई थी, तिरुपति तिरुमला को सप्लाई किए गए और ट्रस्ट द्वारा खारिज कर दिए गए थे। लेकिन भोल बाबा डेयरी के प्रमोटर्स ने इन्हें व्यष्णवी डेयरी के जरिए वापस तिरुपति तिरुमला तक पहुँचाया। जांच के दौरान FSSAI और SIT टीम ने डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी प्लांट का निरीक्षण किया और पता चला कि चार टैंकर कभी एआर डेयरी वापस नहीं आए, बल्कि इन्हें व्यष्णवी डेयरी के पास एक स्टोन क्रशिंग यूनिट में भेज दिया गया।

मौजूदा रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त 2024 में व्यष्णवी डेयरी ने इन ट्रकों पर लेबल बदल दिए, गुणवत्ता और घी की स्थिरता सुधार दी और फिर वही घी तिरुपति तिरुमला को सप्लाई किया गया। इस पूरे मामले से पता चलता है कि धार्मिक प्रसाद में नकली सामग्री की आपूर्ति एक बड़ी सुरक्षा चुनौती बन गई हैं।

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