वसुंधरा राजे मेवाड़ पहुंचीं, यात्रा को बताया अराजनीतिक

Vasundhara Raje

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे मंगलवार को राज्य के मेवाड़ क्षेत्र के दौरे के तहत चित्तौड़गढ़ पहुंचीं। उन्हें चार दिन की अपनी इस यात्रा में इस अंचल के छह जिलों में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेना है। उन्होंने इस यात्रा को अराजनीतिक बताया।

जयपुर।  राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे मंगलवार को राज्य के मेवाड़ क्षेत्र के दौरे के तहत चित्तौड़गढ़ पहुंचीं। उन्हें चार दिन की अपनी इस यात्रा में इस अंचल के छह जिलों में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेना है। उन्होंने इस यात्रा को अराजनीतिक बताया। राजे ने अपनी यात्रा की शुरुआत मेवाड़ अंचल के चित्तौड़गढ़ जिले के विख्यात सांवलिया मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ की। वह अपने चार दिवसीय दौरे के दौरान बांसवाड़ा में त्रिपुर सुंदरी सहित कई मंदिरों में जाएंगी।

इसे भी पढ़ें: महिला यात्री की तबीयत बिगड़ने प्लेन की हुई आपातकाल लैंडिंग, जांच में निकली गैस प्रोब्लम

राजे की इस यात्रा ने राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू कर दी है क्योंकि उनकी इस यात्रा को शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि उन्होंने कहा है कि उनकी इस यात्रा के गलत ढंग से राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं। चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया कस्बे में भगवान श्री सांवलिया मंदिर में उन्होंने कहा कि उनके अपने सहयोगियों के निधन पर संवेदना व्यक्त करने के कार्यक्रम को कुछ लोग राजनीतिक यात्रा बताकर भ्रम फैला रहे हैं, जबकि शोक व्यक्त करने का यह कार्यक्रम राजनीतिक यात्रा नही है। राजे ने कहा, ‘‘मैं कोरोना के कारण जान गंवाने वाले अपनों को श्रद्धासुमन अर्पित करने और भगवान के दर्शन कर राज्य की खुशहाली की कामना करने आई हूं। मेरा चार दिन का यह कार्यक्रम राजनीतिक नहीं है।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पारिवारिक कारणों के चलते वह उन सहयोगियों के निधन पर शोक जताने नहीं आ सकीं जो कोरोना काल में दिवंगत हो गए, इसलिए वह अब आई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के लोग आरोप भी लागते हैं कि ये तो भगवान भरोसे चलती हैं। हां मैं स्वीकार करती हूँ कि मैं भगवान भरोसे ही हूं।

इसे भी पढ़ें: वीडियो बनाने के लिए लड़का ट्रेन के डिब्बे के ऊपर चढ़ा, करंट लगने से हुई मौत

मैं शुरू से ही राजनीति में नहीं, धर्म नीति में विश्वास करती हूं।’’ राजे ने कहा, ‘‘जब हमारी सरकार थी तब हमने 550 करोड़ रुपये की लागत से राज्य के 125 मंदिरों का विकास तथा 110 करोड़ की लागत से 50 देवी-देवताओं और महापुरुषों से संबंधित पैनोरमानिर्माण कार्य कराया था।’’ पूर्व मुख्यमंत्री इसके बाद उदयपुर जिले के लसाड़िया गांव पहुंचीं जहां उन्होंने पूर्व विधायक गौतम लाल मीना को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बांसवाड़ा जिले के अर्थुना गांव में पूर्व मंत्री दिवंगत जीतमल खांट को भी श्रद्धांजलि दी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़