Nuh में कड़ी सुरक्षा के चलते बनी रही शांति, कुछ साधु-संतों व VHP प्रमुख को मिली मंदिर जाकर जलाभिषेक करने की इजाजत

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ANI

शोभा यात्रा के आह्वान के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं और नूंह आ रहे कुछ साधु-संतों को गुरुग्राम में रोक दिया गया। अधिकारियों के अनुसार, अयोध्या के हिंदू संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य के वाहन को सोहना के पास गमरोज टोल प्लाजा पर रोक दिया गया।

‘सर्व जातीय हिंदू महापंचायत’ के ‘शोभा यात्रा’ के आह्वान के मद्देनजर किले में तब्दील नूंह के जिला प्रशासन ने कुछ साधु-संतों और दक्षिणपंथी समूहों के नेताओं को हरियाणा के इस जिले के नल्हड़ इलाके में स्थित शिव मंदिर में पूजा करने की अनुमति दे दी। इस समूह में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार भी शामिल थे। हम आपको यह भी बता दें कि प्रशासन ने 31 जुलाई को हुई सांप्रदायिक हिंसा के मद्देनजर आज यात्रा की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन स्थानीय लोगों को श्रावण महीने के आखिरी सोमवार को अपने पास के मंदिरों में पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी गई।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यात्रा के आह्वान के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं और नूंह आ रहे कुछ साधु-संतों को गुरुग्राम में रोक दिया गया। अधिकारियों के अनुसार, अयोध्या के हिंदू संत जगद्गुरु परमहंस आचार्य के वाहन को सोहना के पास गमरोज टोल प्लाजा पर रोक दिया गया। आचार्य ने संवाददाताओं से कहा कि वह और उनके अनुयायी नल्हड़ मंदिर में जलाभिषेक के लिए सरयू नदी का जल और अयोध्या की मिट्टी ले जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसके विरोध में वह टोल प्लाजा के पास भूख हड़ताल पर बैठ गए। वहीं, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने नूंह में जाने से रोके जाने पर एतराज जताते हुए कहा कि हमें हमारे धार्मिक कार्यों के पालन से नहीं रोका जा सकता। आखिरकार बाद में सभी प्रमुख लोगों को मंदिर जाकर जलाभिषेक करने की अनुमति दी गयी।

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दूसरी ओर, नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि लगभग 15 साधु-संतों और कुछ हिंदूवादी संगठनों के नेताओं को नल्हड़ स्थित शिव मंदिर जाने की अनुमति दी गई है और वे वहां ‘जलाभिषेक’ करेंगे। महामंडलेश्वर स्वामी धर्म देव और स्वामी परमानंद उस समूह में शामिल हैं, जिन्हें मंदिर में जाने की अनुमति दी गई। नल्हड़ मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद यह समूह कुछ स्थानीय लोगों के साथ फिरोजपुर झिरका के झिर मंदिर के लिए रवाना हुआ। इस बीच, बजरंग दल के गुरुग्राम जिला संयोजक प्रवीण हिंदुस्तानी ने बताया कि सीमित संख्या में लोगों ने ‘यात्रा’ में हिस्सा लिया और वे अब कड़ी सुरक्षा के बीच बस से झिर मंदिर के लिए रवाना हो गए हैं।

दूसरी ओर, नूंह में एडीजी कानून व्यवस्था ममता सिंह ने कहा कि इलाके में स्थिति सामान्य है, शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए इलाके में बल की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा कि इलाके में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं और इलाके में सब कुछ सामान्य होने पर हम सभी प्रतिबंध हटा देंगे। हम आपको यह भी बता दें कि सोहना से नूंह तक का इलाका पूरी तरह सुनसान रहा। इस पूरे इलाके में एक भी दुकान नहीं खुली थी और सड़कों पर स्थानीय लोग नजर नहीं आए। नूंह में रहने वाले 30 वर्षीय एक व्यक्ति ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘‘यहां कोई समस्या नहीं है। लोग यहां शांति से रहते हैं और हमने एहतियात के तौर पर अपनी दुकानें बंद कर दी हैं। हमने देखा कि पिछली बार क्या हुआ था। यहां बिना वजह डर का माहौल बनाया जा रहा है।’’ नूंह जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सोमवार को शैक्षणिक संस्थान और बैंक बंद रखने का आदेश दिया था। मोबाइल इंटरनेट और ‘बल्क एसएमएस’ सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। किसी भी बाहरी व्यक्ति को नूंह में प्रवेश की अनुमति नहीं है और जिले के सभी प्रवेश बिंदुओं पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। अर्धसैनिक बलों की 24 कंपनी के अलावा हरियाणा पुलिस के 1,900 कर्मी तैनात किए गए हैं। पुलिस ने विभिन्न बिंदुओं पर अवरोधक लगाए हैं और सुरक्षा बल नूंह में प्रवेश कर रहे सभी वाहनों की गहन जांच कर रहे हैं। दंगा रोधी वाहन एवं ड्रोन भी तैनात किए गए हैं।

हम आपको याद दिला दें कि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की यात्रा पर 31 जुलाई को भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद नूंह और उसके आसपास के इलाकों में हुई सांप्रदायिक झड़पों में दो होम गार्ड और एक इमाम सहित छह लोग मारे गए थे। तब महापंचायत ने फैसला किया था कि यात्रा नूंह के नल्हड़ से शुरू होगी और फिर फिरोजपुर झिरका के झिर मंदिर और जिले के श्रृंगार मंदिर से होकर गुजरेगी। विहिप ने कहा कि यात्री निकाली जाएगी और इस तरह के धार्मिक आयोजनों के लिए प्रशासन से अनुमति लेने की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कुछ हफ्ते पहले हुई नूंह हिंसा का जिक्र करते हुए पंचकूला में कहा था कि ‘यात्रा’ की अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने कहा था, ‘‘यात्रा में भाग लेने के बजाय लोग जलाभिषेक के लिए अपने-अपने इलाकों के मंदिरों में जा सकते हैं।’’

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