उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने IIM जम्मू कश्मीर के दीक्षांत समारोह को किया संबोधित
उपराष्ट्रति एम वेंकैया नायडू ने कहा,आधुनिक विश्व की वास्तविकताओं के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार करें।नायडू ने दुनिया की वास्तविकताओं के अनुरूप उच्च शिक्षा को पुन: पेश करने की आवश्यकता पर जोर दिया और इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से कृषि, व्यवसाय, प्रौद्योगिकी, मानविकी और प्रबंधन जैसे विविध क्षेत्रों को एक साथ लाने का भी आह्वान किया।
जम्मू। उपराष्ट्रति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जैसे राष्ट्रीय संस्थानों को नई बाजार की वास्तविकताओं और चौथी औद्योगिक क्रांति की मांगों के आधार पर नवाचार पाठ्यक्रमों और डिप्लोमा प्रदान करने का आह्वान किया। नायडू ने दुनिया की वास्तविकताओं के अनुरूप उच्च शिक्षा को पुन: पेश करने की आवश्यकता पर जोर दिया और इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से कृषि, व्यवसाय, प्रौद्योगिकी, मानविकी और प्रबंधन जैसे विविध क्षेत्रों को एक साथ लाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘“यह नई शिक्षा नीति की बहुआयामी प्रेरणा की भावना है। याद रखिये, हम अतीत के समान, सतही और अलग दृष्टिकोण के साथ भविष्य की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते हैं।’’ जम्मू स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान की तीसरे और चौथे दीक्षांत समारोह को उप राष्ट्रपति संबोधित कर रहे थे।
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केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह तथाा जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी इस दौरान उपस्थित थे। इस दौरान संस्थान के 148 छात्रों को एमबीए की डिग्री प्रदान की गयी। दो बैच का दीक्षांत समारोहों का आयोजन एक साथ इसलिये किया गया क्योंकि पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के कारण इसका आयोजन नहीं हो सका था। नायडू ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान शिक्षा प्रदान करने में प्रौद्योगिकी की आवश्यकता और क्षमता प्रदर्शित हुयी है। उन्होंने प्रौद्योगिकी एवं उपकरणों के अधिक व्यापक और विवेकपूर्ण उपयोग का आह्वान किया। उन्होंने चेताया कि इस प्रक्रिया में हालांकि, मौजूदा डिजिटल दरार चौड़ा नही हो ,इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।
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