पीड़िता ने पीछे लिया अपना कदम, चिन्मयानंद के खिलाफ मामला वापस लेने को तैयार !
मई 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार ने चिन्मयानंद के खिलाफ चल रहे बलात्कार के मामले को वापस लेने का फैसला किया था।
लखनऊ। पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री चिन्मयानंद के खिलाफ कथित बलात्कार के मामले में शिकायतकर्ता ने अपने कदम पीछे कर लिए हैं। शिकायतकर्ता ने लिखित रूप में इलाहाबाद उच्च न्यायालय को बताया कि उसे मामला वापस लेने में कोई आपत्ति नहीं है।
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अंग्रेजी समाचार पत्र 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मई 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार ने चिन्मयानंद के खिलाफ चल रहे बलात्कार के मामले को वापस लेने का फैसला किया था। हालांकि बलात्कार पीड़िता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र भेजा था, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के इस कदम पर आपत्ति दर्ज कराई थी।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक शिकायतकर्ता ने बताया कि वह मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह अपने बच्चे की परवरिश करना चाहती है, जिसकी वजह से उसने यह कदम उठाया है। शिकायतकर्ता के वकील ने जानकारी दी कि उन्होंने इस संबंध में एक हलफनामा अदालत में दाखिल किया है। हालांकि वह इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते हैं क्योंकि यह मामला अभी अदालत में है।
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