कानपुर और रामपुर में हिंसक भीड़ ने किया पथराव, चौकी फूंकी, सपा विधायक गिरफ्तार

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[email protected] । Dec 21 2019 5:24PM

परेड यतीमखाना इलाके में एकत्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पथराव में कई लोगों के घायल होने की खबर है। हिंसक भीड़ ने यतीमखाना पुलिस चौकी को फूंक दिया, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।

कानपुर (उप्र)। नागरिकता कानून के खिलाफ कानपुर में हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा। शहर के कई इलाकों में शनिवार को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। परेड यतीमखाना इलाके में हिंसा पर उतारू भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया। परेड यतीमखाना इलाके में एकत्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पथराव में कई लोगों के घायल होने की खबर है। हिंसक भीड़ ने यतीमखाना पुलिस चौकी को फूंक दिया, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।

वही रामपुर में भी लोगों ने CAA के खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस ने विरोध के दौरान आज पथराव करने के बाद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शनकारियों ने आगजनी भी की।

कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश ने बताया कि सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी और पूर्व विधायक एवं सपा नेता कमलेश दिवाकर को एहतियातन गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों नेताओं की गाड़ियों को भी सीज कर दिया गया है। प्रकाश ने बताया कि भीड़ सड़कों पर है। बाबूपुरवा, नयी सड़क, मूलगंज, दलेलपुरवा, हलीम कालेज और अन्य मुस्लिम बहुल इलाकों में लोग सड़कों और गलियों में एकत्र होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया है। उन्होंने बताया कि भीड़ को समझाने के लिए शहर काजी की मदद ली जा रही है।

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इस बीच हिंसा में जिन दो लोगों की शुक्रवार को मौत हुई थी, उनके शव अभी दफन नहीं किये गये हैं । पुलिस का कहना है कि शवों को पुलिस निगरानी में ही दफनाया जाएगा। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है या जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उन्हें तत्काल रिहा किया जाए वे तभी सड़कों से वापस जाएंगे।

सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन: उत्तर प्रदेश में 15 की मौत

उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में नागरिकता कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है। इनमें आठ साल का बच्चा भी शामिल है। पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने शनिवार को  भाषा  को बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई हिंसा में अब तक 15 लोग मारे जा चुके हैं। इनमें से मेरठ में चार, फिरोजाबाद में तीन, कानपुर और बिजनौर में दो-दो, वाराणसी, संभल और लखनऊ में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। वाराणसी में भगदड में आठ साल के एक बच्चे की मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि हिंसा की वारदात में 263 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से 57 को गोली लगी है। पुलिस महानिदेशक ओमप्रकाश सिंह का कहना है कि पुलिस ने किसी पर भी गोली नहीं चलाई और जो लोग गोली लगने से मरे हैं वे प्रदर्शनकारियों के बीच हुई क्रॉस फायरिंग की जद में आने के कारण मारे गए हैं। 

उन्होंने जोर देते हुए कहा अगर किसी व्यक्ति की पुलिस की गोली लगने से मौत हुई है तो हम उसकी न्यायिक जांच कराकर कार्रवाई करेंगे। मगर सच्चाई यह है कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई। 

इस बीच कानपुर में शनिवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच फिर संघर्ष हुआ। अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने यतीमखाना पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान जबरदस्त पथराव भी हुआ जिसमें कई लोग घायल हो गए। उन्होंने बताया कि बाबूपुरवा, नयी सडक, मूलगंज, दलेलपुरवा, हलीम कालेज और अन्य मुस्लिम बहुल इलाकों में लोगों ने सडकों और गलियों में एकत्र होकर प्रदर्शन किया। 

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